शनिवार, 16 अक्टूबर 2010

कार्टून:- ब्लॉगर मीट के बाद का वर्धा...

29 टिप्‍पणियां:

  1. गाल ही तो बजा रहे हैं यार ! आप यहाँ भी चैन से नहीं रहने दोगे काजल भाई !

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  2. नहीं-नहीं काजल जी ऐसा ना कहिये ब्लोगर गाल बजाने के साथ-साथ आचार संहिता के लिए आत्म नियंत्रण की बात को मजबूती से स्थापित कर गए .....शायद इससे अच्छी बात कुछ हो ही नहीं सकती ...

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  3. ये तो हमरा परम धर्म है.:) कुछ तो बजाया कि नही? खाली से बेगार भली.

    दुर्गा नवमी एवम दशहरा पर्व की हार्दिक बधाई एवम शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  4. ये तो हमरा परम धर्म है.:) कुछ तो बजाया कि नही? खाली से बेगार भली.

    दुर्गा नवमी एवम दशहरा पर्व की हार्दिक बधाई एवम शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  5. बहुत बढ़िया
    इसे भी पढ़े
    http://oshotheone.blogspot.com/2010/10/blog-post_16.html

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  6. भई आप भी कहाँ कोई मौका छोडते हैं...अखिर कार्टूनिस्ट जो ठहरे :)

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  7. हमे तो इस बारे कुछ नही पता... लेकिन बापू लोट के चले गये

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  8. ऐसी भी क्या नाराज़गी है ब्लोगर बंधुओं से । आखिर कुछ तो किया ही न । :)

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  9. आप भी कमाल करते हैं, गांधीजी मिले थे हमको।

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  10. काजल भाई ,
    मुझे वहां का कुछ पता नहीं सो कमेंट उचित नहीं लगता !

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  11. गाल बजा कर ही सही आचार विचार में शांति लायें तो अच्छा हो । बापू जी को भी अच्छा लगेगा ।

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  12. एक कार्टून वह सहज ही कह देता है जिसे हजार शब्द भी नहीं कह पाते -जबरदस्त !

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  13. गालों के बारे में तो बापू कुछ कह गए हैं ना ;-)

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