काजल जी, आपने वो पुराणी कहावत जरूर सुनी होगी कि '' भैस के आगे बिन बजाना और भैस रही पगुराय '' / हमारे पीं ऍम साब सत्ता की खुमारी की गिरफ्त में है लिहाजा जनता से जो बन पड़े कर ले/ वो तो अपनी भूतनी में मस्त रहेंगे / साथ में विदेश भ्रमण का बेहतर नजारा कराने का शुक्रिया /
पी ऍम जी सही , मज़ा आ गया
जवाब देंहटाएंवही तो पी एम् साहब गाये जात हैं
जवाब देंहटाएंचिंतनीय स्थिति.
जवाब देंहटाएंका कीजे, ससुरा पालीतीसनावा की इही जात है ...
जवाब देंहटाएंहो हो आल इज वेळ .. बहुत बढ़िया व्यंग्य...वाह
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया व्यंग्य...
जवाब देंहटाएंआओं देखें आज क्यों और कैसे ?विज्ञान मे क्या हलचल है
आओं देखें आज विज्ञान गतिविधियाँ मे क्या हलचल है
तुम्हारा खेल बिगड़ गया तो क्या
जवाब देंहटाएंदेखते नहीं दिल्ली में हो रहा है खेल
इसीलिये तो कहते है भईया!
आल इज वेल, आल इज वेल.
दिलो-दिमाग को हिला देने में समर्थ कार्टून....काजल भाई.
जवाब देंहटाएंमस्त बाबा हे जी....
जवाब देंहटाएंदूर की कौड़ी लाये है !
जवाब देंहटाएंहरा ही हरा दिखाई दे रहा है..
जवाब देंहटाएंपीएम जी गा रहे हैं...और पब्लिक साथ में झुनझुना बजा रही है :)
जवाब देंहटाएंहम सबका हाल बुरा है, इस मँहगाई डायन से।
जवाब देंहटाएंसखी राजनेता ही अईसन अकेली जात है ,
जवाब देंहटाएंजो इंसन होके , इंसाने को खाए जात है ।
आज सचे में देश के जौन हालात है ,
धर दिए कार्टूनवा में , वाह वाह क्या बात है ॥
very well| congretes.
जवाब देंहटाएंबढ़िया कटाक्ष
जवाब देंहटाएंमनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री बनने के बाद सरदारों के खिलाफ चुटकुलेबाज़ी कम हो गई थी। वह दौर फिर से न शुरु हो जाए!
जवाब देंहटाएंइस बैल्ल का जवाब नही
जवाब देंहटाएंव्यंग्य भी और आज की राजनीति का विद्रूप चेहरा भी...शानदार.
जवाब देंहटाएं____________________
'शब्द-सृजन..." पर आज लोकनायक जे.पी.
काजल जी,
जवाब देंहटाएंआपने वो पुराणी कहावत जरूर सुनी होगी कि '' भैस के आगे बिन बजाना और भैस रही पगुराय '' /
हमारे पीं ऍम साब सत्ता की खुमारी की गिरफ्त में है लिहाजा जनता से जो बन पड़े कर ले/ वो तो अपनी भूतनी में मस्त रहेंगे /
साथ में विदेश भ्रमण का बेहतर नजारा कराने का शुक्रिया /
अभी तो और ऊँचे सुर में गायेंगे ...:)
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया व्यंग्य
जवाब देंहटाएंहाहाहा...सही !
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