
Friday, May 29, 2009
Thursday, May 28, 2009
Wednesday, May 27, 2009
Tuesday, May 26, 2009
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Saturday, May 23, 2009
Friday, May 22, 2009
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Sunday, May 10, 2009
Saturday, May 9, 2009
Thursday, May 7, 2009
Wednesday, May 6, 2009
एक निठल्ले बाबू के लिए चिंतन.
मीडिया में पे कमीशन की बातें पढ़-सुन कर ऐसा लगता है कि मानो,
सभी सरकारी बाबू लोग अब मर्सिडीज़ गाड़ियों में घूमेंगे,
और निजी जेट विमानों में उडेंगे.
ताजमहल होटलों में रहेंगे,
फ्लैटों की तरफ तो वो थूकने भी नहीं जायेंगे.
हज्जार- हज्जार के लाल नोटों से नाक पोंछेंगे.
उनके बच्चे लन्दन और न्यू यार्क में पढ़ेंगे,
उनके कपड़े फैशन शो वाले लोग डिज़ाइन करेंगे,
और वो धुलने पेरिस जाया करेंगे.
उनकी जाहिल बीवियां अब सिर्फ ग्रीक और लेटिन बोलते हुए
पांच सितारा होटलों में रमी खेलेंगी,
बाबू लोग क्यूबन सिगार और पाइप पियेंगे.
उनके विदेशी कुत्तों को सैर करवाने सेठ लोग निकला करेंगे.
उनकी तनख्वाह और उनकी दफ़्तरी फ़ाइलों का हिसाब रखने को
प्राइस वाटर हाउस और KPMG में झगडे होंगे.
उनकी शामें रंगीन करने के लिए हॉलीवुड से बालाएं आयेंगी
और शाहरुख खान नाचेंगे.
मीडिया के मालिकों के विकट बुद्धिजीवियों को चिंता खाए जा रही है
की ऐसे में तो,
देश गड्ढे में जाने ही वाला है.
बहुत बुरा होने वाला है,
बाबू आपने काम से भटक जायेंगे.
हे प्रभु,
ये तू क्या करवा रहा है.
खैर बाबू, तू उदास न हो
ऊपर पढ़ और चिंतकों की मानिंद मस्त हो जा,
तेरे दिन तो अब फिरने ही वाले हैं
बस चंद दिन की ही बात है.
बस्स चंद दिन की ही तो बात है.
सभी सरकारी बाबू लोग अब मर्सिडीज़ गाड़ियों में घूमेंगे,
और निजी जेट विमानों में उडेंगे.
ताजमहल होटलों में रहेंगे,
फ्लैटों की तरफ तो वो थूकने भी नहीं जायेंगे.
हज्जार- हज्जार के लाल नोटों से नाक पोंछेंगे.
उनके बच्चे लन्दन और न्यू यार्क में पढ़ेंगे,
उनके कपड़े फैशन शो वाले लोग डिज़ाइन करेंगे,
और वो धुलने पेरिस जाया करेंगे.
उनकी जाहिल बीवियां अब सिर्फ ग्रीक और लेटिन बोलते हुए
पांच सितारा होटलों में रमी खेलेंगी,
बाबू लोग क्यूबन सिगार और पाइप पियेंगे.
उनके विदेशी कुत्तों को सैर करवाने सेठ लोग निकला करेंगे.
उनकी तनख्वाह और उनकी दफ़्तरी फ़ाइलों का हिसाब रखने को
प्राइस वाटर हाउस और KPMG में झगडे होंगे.
उनकी शामें रंगीन करने के लिए हॉलीवुड से बालाएं आयेंगी
और शाहरुख खान नाचेंगे.
मीडिया के मालिकों के विकट बुद्धिजीवियों को चिंता खाए जा रही है
की ऐसे में तो,
देश गड्ढे में जाने ही वाला है.
बहुत बुरा होने वाला है,
बाबू आपने काम से भटक जायेंगे.
हे प्रभु,
ये तू क्या करवा रहा है.
खैर बाबू, तू उदास न हो
ऊपर पढ़ और चिंतकों की मानिंद मस्त हो जा,
तेरे दिन तो अब फिरने ही वाले हैं
बस चंद दिन की ही बात है.
बस्स चंद दिन की ही तो बात है.
Monday, May 4, 2009
Saturday, May 2, 2009
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