रविवार, 30 मई 2010

मेरी संयुक्त अरब अमीरात यात्रा

imageसंयुक्त अरब अमीरात भारत से साढ़े तीन घंटे की हवाई दूरी पर है, लगभग इतनी ही देर में सीधी हवाई सेवा से दिल्ली व त्रिवेंद्रम की दूरी तय की जा सकती है. यहां का समय भारत से डेढ़ घंटा पीछे है.
imageयह सुंदर इमारतों का देश है. इस देश में सात राज्य हैं अबू धाबी, दुबई, शरजाह, अजमान, क़ुवैन, ख़ैमा व फ़ुजियारा. अबू धाबी में संयुक्त सरकार का मुख्यालय है. दुबई यहां का सबसे बड़ा शहर है. जबकि अबुधाबी राज्य के पास देश के कुल क्षेत्रफल का 87% है. आज यहां के मूल देशवासी जिन्हें अमीराती कहते हैं, कुल जनसंख्या का केवल 19% हैं, 15% दूसरे अरबी हैं. 50% दक्षिण एशियाई हैं. 8% इरानी व 8% ही बाक़ी लोग हैं. कुल आबादी का लगभग 30% भारतीय हैं.
imageदुबई की पहचान बन चुना यह बुर्ज अल अरब होटल है जिसके साइड में एक हेलीपैड भी है. संयुक्त अरब अमीरात के कुल उत्पाद का 28% तेल व गैस निर्यात है. 1962 में यहां से पहली बार तेल निर्यात हुआ. 1971 में संयुक्त अरब अमीरात की स्थापना हुई.
imageदुबई से अबू धाबी जाते हुए रास्ते (freeway) में यह चपातीनुमा गोल इमारत देखते ही बनती है. इस फ़्री-वे पर 160 कि.मी. प्रतिघंटा की रफ़्तार मान्य है पर लोग 180-200 कि.मी. की रफ़्तार से भी गाड़ियां दौड़ा लेते हैं. दुबई से अबू धाबी की दूरी लगभग 160 कि.मी. है जिसमें क़रीब डेढ़ घंटा लगता है.
 image यह है अबू धाबी में भारत का राजदूतावास. इसके ठीक सामने अमरीका का राजदूतावास है. भारतीय यहां हर क्षेत्र में सक्रीय हैं चाहे दक्ष सेवा-क्षेत्र हो या टैक्सी चालन या फिर दुकानदारी…
imageअबू धाबी में निर्माणाधीन यह अजीब बया के घोंसले सी टेढ़ी निर्माणाधीन इमारत अपनी ओर ध्यान आकर्षित करती है. देश की 88% जनता शहरी इलाक़ों में रहती है.
imageअबू धाबी के होटल इंटर कांटीनेंटल से एक मनोहारी दृश्य. यहां की मुद्रा AED (अरब अमीरात दिरहम) हे. एक डालर में लगभग तीन दिरहम आते हैं तो एक दिरहम में 12.90 रूपये.
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दुबई के होटल अल बुतान रोताना के कमरे में प्रेस… पैंट प्रेस करने के लिए इन दो फट्टों के बीच रखें व फट्टा कस कर बिजली चालू  कर दें बस.
 image दुबई का होटल अल बुतान रोताना हवाई अड्डे के एकदम बाहर ही समझिये.
 image घरों के बाहर खिड़कियों में टंगी टेलिविज़न डिश. सभी तरह के चैनल प्रसारित होते हैं यहां.  संयुक्त अरब अमीरात की अधिकारिक भाषा यूं तो अरबी है पर यहां अंग्रेजी, हिन्दी, मलयालम, उर्दू व फ़ारसी भी बोली जाती हैं. नियम क़ायदे कड़े व अमिरातियों के हक़ में हैं. राज परिवार यहां सबसे अमीर है वे मुख्यत: तेल-गैस बेचकर इमारतें बनाते हैं. हरियाली पर भी बहुत ध्यान दिया जाता है.
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यहां भी, भारत की ही तरह, कभी-कभी बिजली की भयंकर कमी रहती है. 27 मई, 2010 को Gulf News के पेज 2 पर छपी शरजाह की यह रिपोर्ट देखिये. यह बात अलग है कि दुबई में एक लीटर पेट्रोल 90 फिल्स (1 दिरहम से भी कम) में मिलता है पर एक लीटर वाली पानी की बोतल दो दिरहम की आती है. यहां मीठे पानी का स्रोत केवल समुद्री पानी को desalinate करना है पर पानी की कमी नहीं मिलती.


 
  

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दुबई में एक शापिंग माल – सिटी माल. यहां लगता नहीं कि आप किसी अरब देश में हैं. यहां महिलाएं सामाजिक जीवन में लगभग पूर्णत: स्वतंत्र हैं. विदेशी महिलाएं पश्चिमी परिधानों में आम दिखती है।.

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सिटी माल  के अंदर का परिदृष्य. इसी तरह के दूसरे कई माल में भी आपको कई चीज़ें Made in India मिल सकती हैं, हैरान न हों.
 image दिल्ली में जहां तापमान 44 डि. से. चल रहा था तो दुबई में 32-34 के बीच था. इसी के चलते कुछ लोग खुली बस में शहर देखने निकले थे.
imageदुबई में न्यायालय. घरेलू नौकरों को यहां कोई अधिकार प्राप्त नहीं हैं. अदक्ष व अर्घदक्ष अप्रवासी श्रमिकों की स्थिति भी कोई ख़ास सुखद नहीं है.
image अबू धाबी में समुद्री किनारे को बहुत अच्छे से संवारा गया है.
imageदुबई में मेट्रो से उतर कर सड़क पार करने वालों के लिए वातानुकूलित रास्ते बनाए गए हैं.
 

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और ये मैं हूं.

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