मंगलवार, 12 अक्टूबर 2010

कार्टून:- हज़ारों साल नर्गिस अपनी बेनूरी पे रोती है ...

24 टिप्‍पणियां:

  1. हा हा हा ! दिल्ली में तो स्क्वेर फुट ही बड़ा होता है ।

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  2. कई मायने हैं इस कार्टून के।
    जानकारी का अभाव भी,
    और जगह जगह का फ़र्क भी।
    बहुत सटीक।

    आज बहुत दिन के बाद आपका ब्लॉग खुल पाया है मेरे कम्प्यूटर पर।

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  3. दिन ज्यादा बूरे नहीं हुए है. यह नहीं पूछा, डैडी पिता किसे कहते है?

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  4. अपकी यह पोस्ट अच्छी लगी।
    तीन गो बुरबक! (थ्री इडियट्स!)-2 पर टिप्पणी के लिए आभार!

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  5. बच्चे को बच्चों जैसी जानकारी

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  6. कान्वेन्टिया पापा भला क्या जानें :)

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  7. हा हा, ढाई, पौने दो भी ऐसे ही होने वाले है अब.

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  8. यही हाल है आज कल के बच्चों का...हिंदी में २० से आगे की गिनती भी नहीं बता पाते ..

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  9. बहुत ही अच्छा व्यंग ...


    .

    www.srijanshikhar.blogspot.com पर " क्योँ जिँदा हो रावण "

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  10. बे 'मन' से टिपिया रहा हूं !


    वैसे भी बीघे के साथ मन...सेर और छटांक भी विदा हो लिए हैं तो पापा को भी अपडेट होना होगा :)

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