Ye cartoon kaise meri nigahon se bach nikla? Waise sach me aajkal jo samachar dikhaye jate hain,kisi bhasha me hon,unhen sansanikhez bananeki bharsak koshish rahti hai! Kamal ke cartoon hote hain aapke...hazaar shabd jo baat nahi kah sakte,aapka ek chitr kah jata hai...uske peechhe kitna samay jata hoga ye to nahi kah sakti!
आपका अनुमान एकदम सही है. लेख लिखने में मुझे आमतौर से केवल टाइप करने का ही समय लगता है पर कार्टून में एक वाक्य भी लिखने में कड़ी मेहनत करनी पड़ती है...बड़ी सीमाएं हैं इसकी चित्रांकन के अतिरिक्त, बल्कि चित्रांकन तो कार्टून का सबसे आसान पक्ष है. आपने कार्टून के पीछे जाकर भी सोचा इसके लिए आपका आभार. अच्छा लगता है जब रचनात्मक व्यक्तित्व रचनाकर्म को समझने की मुहिम में साथ चलता मिलता है.
हा हा.. बच के बेटा..
जवाब देंहटाएं:-)
जवाब देंहटाएंकमाल का कार्टून बनाते हैं आप काजल भाई, एक चित्र ही कई पोस्ट पर भारी पड़ता है.......बेहतरीन!
प्रेम रस पर:
भूकंप की अफवाह!
पिल्लुनुमा आदमी ही लगता है...:)
जवाब देंहटाएंसमाचार चैनल पर आपको हारर, थ्रिलर, अडल्ट हर प्रकार की फिल्म का मजा मिल जाता है.
जवाब देंहटाएंअब इलाज -दूरदर्शन का एक सप्ताह सेवन -मनाही -इस दौरान कोई और चैनेल न देखें :)
जवाब देंहटाएंउपयोगी है जी!
जवाब देंहटाएं--
मगर कार्टून ही है!
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आज दो दिन बाद नेट सही हो पाया है!
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शाम तक सभी के ब्लॉग पर
हाजिरी लगाने का इरादा है!
आपके कार्टून के क्या कहने,
जवाब देंहटाएंबेहतरीन.
यहाँ भी पधारें:-
अकेला कलम...
सच में पक गए हैं टी वी देख कर तभी तो ब्लोगिंग कर रहे हैं हा हा हा !!!!!!
जवाब देंहटाएंसच कह रहे हे जी भारतिया समाचार चेनल देख कर आये होंगे:)
जवाब देंहटाएंजरा इसे समझाईये कि आगे से अब सिर्फ "सब टीवी" देखा करे :)
जवाब देंहटाएंटी वी चैनलों ने सबको पिल्लू ही बना दिया है ।
जवाब देंहटाएंधारदार व्यंग्य।
जवाब देंहटाएं---------
ब्लॉगर्स की इज्जत का सवाल है।
कम उम्र में माँ बनती लड़कियों का एक सच।
हा हा हा हा ....बेहतरीन!
जवाब देंहटाएंहा...हा... जरूर ताऊ टीवी चैनल के चीफ़ रिपोर्टर रामप्यारे के चंगुल में चढ गया होगा.:) सुपर्ब...
जवाब देंहटाएंरामराम.
मेरा हाल तो इससे भी बुरा हो जाता है भाई जी...................हा हा हा हा
जवाब देंहटाएंअरे शैफाली बिटिया तुम भी........टिपण्णी करती हो... देखो तुम्हारी टिपण्णी देख मुझ जैसे अंधे को भी दिखाई देने लगा....
जवाब देंहटाएं:):) बेहतरीन......
जवाब देंहटाएंसही कहा हिंदी न्यूज चैनल पर तो हमेशा ही वारदातें आती रहती हैं । जबरदस्त कार्टून ।
जवाब देंहटाएंचैन से चैन से चैन से चैन से सोना है तो जागते रहिए
जवाब देंहटाएंएैसे चैनलो से दूर भागते रहिए
हा हा हा धारदार व्यंग
सही मे पिल्लू लग रहा है। बदिया।
जवाब देंहटाएंपूरा पिल्लू...हा..हा..हा..
जवाब देंहटाएं____________________
नन्हीं 'पाखी की दुनिया' में भी आयें.
sahi kaha......ha ha ha ..aaj kal horror failaaa dete hai ye news channel... vaah.:))
जवाब देंहटाएंअब नए मुहावरे गढना होंगे जैसे 'पिल्लाये हुए लोग'
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंYe cartoon kaise meri nigahon se bach nikla?
जवाब देंहटाएंWaise sach me aajkal jo samachar dikhaye jate hain,kisi bhasha me hon,unhen sansanikhez bananeki bharsak koshish rahti hai!
Kamal ke cartoon hote hain aapke...hazaar shabd jo baat nahi kah sakte,aapka ek chitr kah jata hai...uske peechhe kitna samay jata hoga ye to nahi kah sakti!
@ kshama ji
जवाब देंहटाएंआपका अनुमान एकदम सही है. लेख लिखने में मुझे आमतौर से केवल टाइप करने का ही समय लगता है पर कार्टून में एक वाक्य भी लिखने में कड़ी मेहनत करनी पड़ती है...बड़ी सीमाएं हैं इसकी चित्रांकन के अतिरिक्त, बल्कि चित्रांकन तो कार्टून का सबसे आसान पक्ष है. आपने कार्टून के पीछे जाकर भी सोचा इसके लिए आपका आभार. अच्छा लगता है जब रचनात्मक व्यक्तित्व रचनाकर्म को समझने की मुहिम में साथ चलता मिलता है.
Behtareen cartoon.
जवाब देंहटाएंKaajal Jee aapne to ek hin baat mein hazaaro baatein kah diya.