CARTOON, SATIRE, HUMOR, POLITICS, COMIC, LITERATURE, CARICATURE, LAMPOON, SKIT, RIDICULE, MOCKERY, SARCASTIC
wah! gr8!
नाईस।
अरे यहाँ टिपण्णी के लिए गुंजाईश तो है. फिर अरविन्द जी ने क्यों कहा की टिपण्णी बंद कर दी है. मनमोहन जी पर तरस आता है.
:) क्या आज तक कोई व्यंग कार्टून ऐसा रहा है जिस पर टिप्पणियाँ बंद हो जायं ?य७अह तो खुद में एक बड़ा व्यंग होगा !
अजी जिगर चाहिये उस जेसा बिहेव करने के लिये....रोजाना मक्की की रोटी सरसॊ के सांग मे देसी ओर (असली) घी डाल कर खाया करो कुछ हिम्मत सिम्मत आये,बहुत सुंदर जी
हा हा हाबड़े न समझ हैं .......ये क्या चाहते हैं ?
ये तो आंख से आंख मिलाकर बात कर रहे हैं, हजम नहीं हुआ जी आज कुछ।
करारा व्यंग्य काजल जी, काश कि यह व्यंग्य कुच बेशर्मो तक भी पहुच पाता !
सपने भी कैसे कैसे होते हैं खुदा...रा ! :)
ये जब तक पूछ रहे हैं तब तक ही प्रधानमंत्री हैं जिस दिन नहीं पूछेंगे उसी दिन खलास।
आज तो कमाल कर दिया काजल भाई,साथ ही अली भाई की टिप्पणी ने चौदह चांद लगा दिए।संडे का फ़ंडा-गोल गोल अंडा ब्लॉग4वार्ता पर पधारें-स्वागत है।
लगता है आज कुछ जोशीली मुद्रा में हैं?:)रामराम.
हाँ जी सच कहा मो सम कौन जी ने... अभी सपाटा खाना है क्या बे? आँखों में आँखें डाल के बात कर रहा है मैडम से..
हा हा हा करारा व्यंग्य
realy great .............
एकदम धांसू!
बहुत ही कार्टून सुन्दर है.
wah! gr8!
जवाब देंहटाएंनाईस।
जवाब देंहटाएंअरे यहाँ टिपण्णी के लिए गुंजाईश तो है. फिर अरविन्द जी ने क्यों कहा की टिपण्णी बंद कर दी है. मनमोहन जी पर तरस आता है.
जवाब देंहटाएं:)
जवाब देंहटाएंक्या आज तक कोई व्यंग कार्टून ऐसा रहा है जिस पर टिप्पणियाँ बंद हो जायं ?
य७अह तो खुद में एक बड़ा व्यंग होगा !
अजी जिगर चाहिये उस जेसा बिहेव करने के लिये....रोजाना मक्की की रोटी सरसॊ के सांग मे देसी ओर (असली) घी डाल कर खाया करो कुछ हिम्मत सिम्मत आये,
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर जी
हा हा हा
जवाब देंहटाएंबड़े न समझ हैं .......ये क्या चाहते हैं ?
ये तो आंख से आंख मिलाकर बात कर रहे हैं, हजम नहीं हुआ जी आज कुछ।
जवाब देंहटाएंकरारा व्यंग्य काजल जी, काश कि यह व्यंग्य कुच बेशर्मो तक भी पहुच पाता !
जवाब देंहटाएंसपने भी कैसे कैसे होते हैं खुदा...रा !
जवाब देंहटाएं:)
ये जब तक पूछ रहे हैं तब तक ही प्रधानमंत्री हैं जिस दिन नहीं पूछेंगे उसी दिन खलास।
जवाब देंहटाएंआज तो कमाल कर दिया काजल भाई,
जवाब देंहटाएंसाथ ही अली भाई की टिप्पणी ने चौदह चांद लगा दिए।
संडे का फ़ंडा-गोल गोल अंडा
ब्लॉग4वार्ता पर पधारें-स्वागत है।
लगता है आज कुछ जोशीली मुद्रा में हैं?:)
जवाब देंहटाएंरामराम.
हाँ जी सच कहा मो सम कौन जी ने... अभी सपाटा खाना है क्या बे? आँखों में आँखें डाल के बात कर रहा है मैडम से..
जवाब देंहटाएंहा हा हा करारा व्यंग्य
जवाब देंहटाएंrealy great .............
जवाब देंहटाएंएकदम धांसू!
जवाब देंहटाएंबहुत ही कार्टून सुन्दर है.
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