एक कविता याद आ गई .. . मैंने मुर्गे से एक दिन पूछा रे मुर्गे ! तुझे बर्ड फ्लू से डर नहीं लगता वह बोला बर्ड फ्लू से कैसा डरना हमें तो वैसे भी है मरना और ऐसे भी है मरना
जब बर्ड फ्लू फैला और लोगों ने मुर्गा खाने से तौबा करना चाही तो हमने भी दो लाइन लिख डालीं थीं.......... मुर्गा बोला, मुर्गियो कौन खुशी की बात जिंदा तो छोड़े नहीं, ये आदम की जात
nice.......................nice..............nice.................
जवाब देंहटाएंबदले में मूर्गा एक दिन ब्रह्मचारी रहेगा :)
जवाब देंहटाएंजय हनुमान ज्ञान गुण सागर...जय...
हा हा हा ! रोज सुबह मैं इनकी अंतिम यात्रा देखता हूँ ।
जवाब देंहटाएंजोरदार !
जवाब देंहटाएंएक दिन तो बचा।
जवाब देंहटाएंअरे ये तो कमाल हो गया!
जवाब देंहटाएंभाई.............काजल जी !
जवाब देंहटाएंआज मेरी तरफ से अपने पावन छू लेना और हाथ चूम लेना
भाई अलबेला जी आपके शब्दों में तो भाव विव्ह्लता है, उसका मुरीद हो गया हूँ मैं. सादर.
जवाब देंहटाएंसंजय जी की टिप्पणी को मेरी भी माना जाय।
जवाब देंहटाएंमन ही मन मुर्गा अब सोचने लगा है कि हे हनुमान जी महाराज "आप सातों दिन ही मंगलवार" कर दिजिये फ़िर मैं सवा पांच आने का प्रसाद चढाऊंगा.:)
जवाब देंहटाएंरामराम.
वाह वाह जबरदस्त
जवाब देंहटाएंहे भगवान, तु ताऊ की फ़रियाद सुन ले।
जवाब देंहटाएंबहुत सही पकड़ा,सटीक
जवाब देंहटाएं:D
जवाब देंहटाएंराजनीति , व्यापार , मनोरंजन , स्पोर्ट और गेम्स , जीवन एवं , घटनाक्रम , स्वास्थ्य - www.jeejix.com - Two Minutes Registration, Join with millions !!
जवाब देंहटाएं:-) :-)
जवाब देंहटाएंएक सांखिकी प्रस्तुत हो सकती है ..कितने हनुमान भक्त ,कितने उपवास ,कितने मुर्गों को एक दिवसीय जीवन दान ...
जवाब देंहटाएंऔर जो भक्त नहीं हैं उनका का क्या हवाल ?
वैसे देखा जाये तो मामूली सी बात है, मगर गौर करें तो कितनी बडी बात है न ?
जवाब देंहटाएंजय हनुमान ज्ञानगुनसागर ....
जवाब देंहटाएंशिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनांए
लिंक पे लिंक बनाते चलो ब्लॉग की रेंकिंग बढ़ाते चलो
काश हर दिन मंगलवार हो !
जवाब देंहटाएंधन्य हो :)
जवाब देंहटाएंयूँ ही अगर रोज अगर आप कार्टून लगते रहे ,एक दिन हम शाकाहारी हो जायेंगे :)
जवाब देंहटाएंएक कविता याद आ गई ..
जवाब देंहटाएं.
मैंने मुर्गे से एक दिन पूछा
रे मुर्गे ! तुझे बर्ड फ्लू से डर नहीं लगता
वह बोला
बर्ड फ्लू से कैसा डरना
हमें तो वैसे भी है मरना
और ऐसे भी है मरना
जब बर्ड फ्लू फैला और लोगों ने मुर्गा खाने से तौबा करना चाही तो हमने भी दो लाइन लिख डालीं थीं..........
जवाब देंहटाएंमुर्गा बोला, मुर्गियो कौन खुशी की बात
जिंदा तो छोड़े नहीं, ये आदम की जात
जय हो!
जवाब देंहटाएंवाह!!!!! म से मुर्गे के लिए मंगलवार पर इ से इन्सान के लिए कौन सा वार ???क्या इतवार ????
जवाब देंहटाएंbahooy sunder idea..........
जवाब देंहटाएंjai ho bajrangbali ki