मंगलवार, 31 अगस्त 2010

कार्टून:- ले, और बनेगा लेखक ?

24 टिप्‍पणियां:

  1. हा हा हा ! इसीलिए हमने आज तक किताब लिखने की जुर्रत ही नहीं की ।
    बढ़िया व्यंग ।

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  2. writer और beggar; royalty और poverty; ये शब्द महज तुकबंदी नहीं है, पीछे बहुत बड़ा तजुर्बा छुपा हुआ है!

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  3. कटु सत्य ...यहाँ सिर्फ नाम बिकता है

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  4. चलो अच्छा है पता चल गया, नहीं तो हम भी एक किताब लिखने की सोच रहे थे ..... बढ़िया है .....
    http://thodamuskurakardekho.blogspot.com

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  5. आप ने हमे बचा लिया जी. धन्यवाद :)

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  6. इसीलिए हम लेखक नहीं बनें ...और ले और ले ..हा हा हा

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  7. लिखने से मत घबराएं
    सिर्फ छपवाने ही मत जाएं
    मौका अच्‍छा है आजकल
    लेखक नहीं ब्‍लॉगर ही बन जाएं
    और खूब सारी टिप्‍पणियां पाएं
    इसे ही रायल्‍टी मान मुस्‍कराएं।

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  8. अरे भाई हमें नहीं छपवाना ...ब्लॉग ही अच्छा !!

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  9. जलावन के काम में लो और खाना पका कर खाओ.

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  10. बढ़िया व्यंग,
    आप भी इस बहस का हिस्सा बनें और
    कृपया अपने बहुमूल्य सुझावों और टिप्पणियों से हमारा मार्गदर्शन करें:-
    अकेला या अकेली

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  11. इस अक्लमंद को समझाईये कि ताऊ सदसाहित्य का लेखन शुरु करे.:)

    जन्माष्टमी की घणी रामराम.

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  12. अब सदबुद्धि नहीं कुबुद्धि और तिकरम से किताब लिखे और बेचे जाते हैं ...दुखद स्थिति है... विद्या और बुद्धि की कद्र ख़त्म होती जा रही है ...

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  13. ओह! ये हाल है :(
    आपको सपरिवार श्री कृष्णा जन्माष्टमी की शुभकामना ..!!
    बड़ा नटखट है रे .........रानीविशाल
    जय श्री कृष्णा

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  14. आपने तो हिन्दी प्रकाशन की कलई ही खोल दी!

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