libiya yatra ke baad delhi pahuch kar pata laga ki jaam abhi bhi laga hai kajal bhai khazoor kha lete yaar itti si baat pe kartoon banane ki kya jaroorat thi bhala......ek baat or sadko par jaam lagne se gaadi me jaam lagaane ka waqt mil jaata hai....khair ....cartoon badiya laga..sukhad yatra ke liye badhai...
हा-हा-हा-हा-हा ... सही कटाक्ष काजल जी , मैं तो साथ में २-४ पन्निया भी रखता हूँ ! आप विश्वास करेंगे की पिछले से पिछले १४ अगस्त को दिल्ली में बारिश हुई और जगह-जगह पोलिसे ने १५ अगस्त की वजह से बैरियर लगा रखे थे , मैं शाम ७ बजकर ५ मिनट पर ऑफिस से निक्लाघर के लिए और रात १२ बजकर १५ मिनट पर घर पहुंचा , हालत ऐसी की आप बीच सड़क में अपनी गाडी भी नहीं छोड़ सकते !
बहुत बढ़िया काजल भाई!
जवाब देंहटाएंयबाँ भी तो आप है-
http://charchamanch.blogspot.com/2010/08/244.html
सही है!
जवाब देंहटाएंBahut Bhadiya :)
जवाब देंहटाएंhaan baba kya bharosa..
जवाब देंहटाएंtaiyaari rakhni hi chahiye...
ha ha ha ...
एकदम सटीक भाईसाहब ....!!
जवाब देंहटाएंenjoy!!
जवाब देंहटाएंसही बात है बहुत दिन अनुपस्थित रही क्षमा चाहती हूँ। शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंऐसे आदमी को तो प्रधानमंत्री का सलाहकार होना चाहिए. वाह ! वाह!
जवाब देंहटाएंlibiya yatra ke baad delhi pahuch kar pata laga ki jaam abhi bhi laga hai kajal bhai khazoor kha lete yaar itti si baat pe kartoon banane ki kya jaroorat thi bhala......ek baat or sadko par jaam lagne se gaadi me jaam lagaane ka waqt mil jaata hai....khair ....cartoon badiya laga..sukhad yatra ke liye badhai...
जवाब देंहटाएंबड़ी मुसीबत है !
जवाब देंहटाएं... dhamakedaar !!!
जवाब देंहटाएंएक सुझाव:-
जवाब देंहटाएंकम्पनी को बरसात के दिनों में अपना आफिस किसी गुरूद्वारे में शिफ्ट कर लेना चाहिए...:)
@ योगेन्द्र मौदगिल...
जवाब देंहटाएंएकदम दुरूस्त कहा है आपने. हैदराबाद के कुछ मित्र इसे ही Car o' Bar (कारोबार) कहते हैं :-))
दिल्ली में गधे होते हैं यह आज देख लिया। दिल्ली में तो इतने खोमचे वाले हैं कि जाम लगा नहीं कि खाने-पीने की चीजे हाजिर। बेकार ही गधे को कष्ट दिया।
जवाब देंहटाएंहा-हा-हा-हा-हा ... सही कटाक्ष काजल जी , मैं तो साथ में २-४ पन्निया भी रखता हूँ ! आप विश्वास करेंगे की पिछले से पिछले १४ अगस्त को दिल्ली में बारिश हुई और जगह-जगह पोलिसे ने १५ अगस्त की वजह से बैरियर लगा रखे थे , मैं शाम ७ बजकर ५ मिनट पर ऑफिस से निक्लाघर के लिए और रात १२ बजकर १५ मिनट पर घर पहुंचा , हालत ऐसी की आप बीच सड़क में अपनी गाडी भी नहीं छोड़ सकते !
जवाब देंहटाएंबहुत सही कहा।
जवाब देंहटाएंवाह क्या कटाक्ष किया है दिल्ली ट्रैफिक पर .......
जवाब देंहटाएंयानि कि अब ये चौपाया आखिरी सहारा है बेसहारों का :)
जवाब देंहटाएंबड़े समझदार लग रहे है ये भाई साहब तो :)
जवाब देंहटाएंरोज़ हफ्ते भर का ---। चलिए दफ्तर कम से कम गोदाम का ही काम करेगा ।
जवाब देंहटाएंbahut khoob... delhi ke traffic ka to sach mein koi bharosa nahi...
जवाब देंहटाएंMeri Nayi Kavita par aapke Comments ka intzar rahega.....
A Silent Silence : Naani ki sunaai wo kahani..
Banned Area News : I might do Playboy as a 40 or 50 year-old, says Jordan
हा हा हां.....
जवाब देंहटाएंसही है।
जवाब देंहटाएंघुघूती बासूती
मजेदार जी.
जवाब देंहटाएंअच्छा अब समझ आया कि मेरा रामप्यारे आजकल बीच में कहां गायब हो जाता है? यानि पार्ट टाईम इन साहब का खाना पहुंचाता है. आज ही खबर लेता हूं उसकी.
जवाब देंहटाएंरामराम