बहुत अच्छा है शायद कुछ समय में कुर्सी सीढ़ी सब साथ लेकर ही यात्रा करनी पड़ेगी अगर आपको घर वालों से प्यार है ज्यादा तो ज्यादा का इन्सुरेंस करवा कर आइये जनाब.
बहुत अच्छे........ और हाँ आपके बारे में पढ़ा अच्छा लगा.... सचमुच कार्टून्स मजाक में लेने की चीज़ नहीं होते हकीकत को बयां कराती दो लाइने कहीं भी छपी हों मुझे बेहद प्रभावित करती है........
वाह जय जय हो काजल भाई
जवाब देंहटाएंहम तो सीढी ले आए ।:):)
Ha,ha,ha! Waise aapke cartoon pe hans rahi hun.jinki taangen tootee unpe nahi:)
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर जी ललित भाई की सीढी मांग लेगे थोडी देर के लिये...:)
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा है शायद कुछ समय में कुर्सी सीढ़ी सब साथ लेकर ही यात्रा करनी पड़ेगी अगर आपको घर वालों से प्यार है ज्यादा तो ज्यादा का इन्सुरेंस करवा कर आइये जनाब.
जवाब देंहटाएंबहुत शिक्षाप्रद है यह कार्टून तो!
जवाब देंहटाएंवर्ना अंतिम वक्त के लिए गंगाजल की शीशी ज़रूर रखें ,अग्नि संस्कार वे कर ही देंगे !
जवाब देंहटाएंस्वर्ग की सीढ़ी नहीं चाहिये तो जहाज ती सीढ़ी।
जवाब देंहटाएंएकदम सटीक.... :-)
जवाब देंहटाएंअब तो फोल्डेबल सीढियों की दुकान खोल लेनी चाहिए ।
जवाब देंहटाएं:) :)
जवाब देंहटाएंउस एयरवेज की करतूतों से लाभ भी हुआ है - आपको कार्टून के लिए मसाला मिल गया |
जवाब देंहटाएंमान ली जी आप की बात :)
जवाब देंहटाएंअगले बार जरुर साथ रखूंगी क्या पता कब जरुरत महसूस हो !
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया
बहुत अच्छे........
जवाब देंहटाएंऔर हाँ आपके बारे में पढ़ा अच्छा लगा....
सचमुच कार्टून्स मजाक में लेने की चीज़ नहीं होते
हकीकत को बयां कराती दो लाइने कहीं भी छपी हों मुझे बेहद प्रभावित करती है........
सीढ़ी के साथ हम तो स्टूल भी ले कर जायेंगे जी, इनका क्या भरोसा है?
जवाब देंहटाएं:)
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