शुक्रवार, 27 अगस्त 2010

कार्टून:- बावळे गांव का पुंगी राग बसंत बहार


20 टिप्‍पणियां:

  1. पेड़ों पर रेशम की खेती भी करवा दो।
    हमारा भी हिस्सा निकलना चाहिए ना।

    जय हो

    जवाब देंहटाएं
  2. हां बाढ़ समृद्धियां भी लाती है !

    जवाब देंहटाएं
  3. काजल बहुत सटीक, ये लोग कुछ भी कर सकते हैं. देश को धीरे-धीरे हजम करने में जुटे इन बदमाशों को सभी पहचान गये हैं पर चुप रहने की कया मजबूरी है, समझ में नहीं आता.

    जवाब देंहटाएं
  4. यार आप कहीं इंजिनियर तो नहीं काजल भाई ...यह आपको कैसे पता चला ??

    जवाब देंहटाएं
  5. ये लोग तो "भारतेश्वर" हैं...सो कुछ भी कर सकते है!

    जवाब देंहटाएं
  6. किसी के घर आग लगे , कोई उस पर हाथ सेके..........
    http://oshotheone.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं
  7. आपके व्यंग्य का जवाब नहीं
    ग्रेट

    जवाब देंहटाएं
  8. इसे कहते हैं एक पंथ दो काज, धोवो भैया बहती गंगा इन्ही के बाप की है. जनता का क्या?

    रामराम

    जवाब देंहटाएं
  9. विचार अच्छा है, चार पांस सॊ झोपडे भी दिखा दो...जो उस बाड मै बह गये, फ़िर उन की मदद का सारा पेसा भी डकार लो, बहुत सुंदर जी, धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  10. In cartoons ko padhke dukh bada hota hai..inme itni sachhayi hoti hai..
    "Bikhare Sitare" pe aapki shukrguzari ada kee hai...zaroor dekhen!

    जवाब देंहटाएं

LinkWithin

Blog Widget by LinkWithin