शनिवार, 6 जुलाई 2013

कार्टून :- यह काम तो रजनीकांत के बस का भी नहीं


10 टिप्‍पणियां:

  1. 2 हफ्ते काफी नहीं...हम तो पिछले दो हफ़्तों से 50/60 रूपए किलो तकरीबन हर सब्जी ला रहे हैं :-(

    कुछ कार्टून रुलाते भी हैं :-)

    अनु

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  2. हा हा हा....बेचारे गरीब को हर हालत में बेगार तो उठानी ही है.

    रामराम.

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  3. सही कहा अनु ने .....
    वही मैं भी सोच रही हूँ .....!!

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  4. मिल जाये तो हमारे लिए भी ले आना :(

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  5. बहुत ही सुन्दर व्यंग्य आपके इस कार्टून के लिंक की प्रविष्टी सोमवार (08.07.2013) को ब्लॉग प्रसारण पर की जाएगी. कृपया पधारें .

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  6. हाहाहा.. सब्जी न हुआ वैष्णोदेवी का प्रसाद हो गया..

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  7. कुछ दिनों में -- सस्ती नहीं सिर्फ सब्जी ढूंढते रह जायेंगे।

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  8. hmmmmm....ispe kya kaha jaa sakta hai,,,,Rajinikanta naukar jis bhi daame mile sabzi lekar aayega....

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  9. सच में, बड़े राष्ट्रीय हित का कार्य है यह।

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