अल्पना जी, अधिक संख्या वाली फ़ीड ऑरीजनल है लेकिन एक बार मैंने इससे कुछ गड़बड़ कर दी थी तो इसने अपडेट होना बंद कर दिया था. इसलिए दूसरी फीड बना दी (जो कम नंबर दिखा रही है). कल मैंने फ़ीडबर्नर एक ज़माने बाद चैक किया तो पाया कि दोनों ही फ़ीड अब अपडेट हो रही हैं. इसीलिए इस ब्लॉग की अब दो फ़ीड हैं :-)
yaar majak to mat udao unka. haalanki mujhe bhi in ladke ladkiyo par hi jyada gussa aaya tha.itne nalaayak hain inhe jagah ka bhi hosh nahi ki kahan kya kar rahe hain.
मामला तो पक्का बनता है
जवाब देंहटाएंHahaha
जवाब देंहटाएंबिगड़ा ज़माना.
जवाब देंहटाएंमानहानी का केस और साइबर अपराध का केस तो सच में बनता है , और पार्न साईट पर वीडियो लोड करना तो उसे और गंभीर बनाता है ।
जवाब देंहटाएंआप के ब्लॉग पर फीडबर्नर के दो अलग-अलग विजेट हैं ,दोनों अलग संख्या दे रहे हैं ऐसा कैसे?
जवाब देंहटाएंअल्पना जी, अधिक संख्या वाली फ़ीड ऑरीजनल है लेकिन एक बार मैंने इससे कुछ गड़बड़ कर दी थी तो इसने अपडेट होना बंद कर दिया था. इसलिए दूसरी फीड बना दी (जो कम नंबर दिखा रही है). कल मैंने फ़ीडबर्नर एक ज़माने बाद चैक किया तो पाया कि दोनों ही फ़ीड अब अपडेट हो रही हैं. इसीलिए इस ब्लॉग की अब दो फ़ीड हैं :-)
हटाएंokay!
हटाएंकॉपीराइट का मामला तो बनता है !!
जवाब देंहटाएंyaar majak to mat udao unka.
जवाब देंहटाएंhaalanki mujhe bhi in ladke ladkiyo par hi jyada gussa aaya tha.itne nalaayak hain inhe jagah ka bhi hosh nahi ki kahan kya kar rahe hain.
मेहनत मजदूरी तो मिलनी चाहिए !
जवाब देंहटाएंइन लौंडे छोरियों को दो दो लप्पड का मुआवजा दिलवा दीजिये.
जवाब देंहटाएंरामराम.
:-) पता नहीं हमारे संस्कार पुराने पड़ गए हैं या इनके संस्कार सही हैं
हटाएं:):) ताऊ ने सही कहा ...
जवाब देंहटाएंहाँ .लप्पड़ बिलकुल ठीक हैं उनके लिए!
जवाब देंहटाएंसही है, कहीं कोई समाचार निशुल्क मिलता है भला।
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