रविवार, 13 नवंबर 2011

कार्टून:- हर बात का मतलब हो, ज़रूरी तो नहीं


18 टिप्‍पणियां:

  1. वाह वाह , भई वाह !
    धोबन को पैसे भी डबल देने पड़ते होंगे । :)

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  2. @ बेमतलब सवाल ,
    गर पलंग पे चादर बराबर बीबी होती है
    तो फिर ये दुखी आत्मा किधर सोती है :)

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  3. घर का मैल बाज़ार में धोना बुरी बात है जी :)

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  4. जरा धीरे-धीरे बोल बीवी सुन न ले..मस्त, लाजवाब कार्टून !

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  5. क्या शेर है! गालिब भी पानी भरे इनपर! :)

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  6. क्या शेर है! बकरी भी रो दे इनके दुख पर! :)

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  7. आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है!
    यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
    बालदिवस की शुभकामनाएँ!f

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  8. वाह ...बहुत खूब
    कल 16/11/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है।

    धन्यवाद!

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  9. बहुत खूब छ गए अपने काजल कुमार .

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  10. बात धोबन की कर रहें हैं पर धो आप रहे हैं .

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  11. जिसे खुद को ढोने की फिकर न हो,वह धोबी के धोने की चिंता क्यों करे!

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  12. :):) मतलब निकले या न निकले पर निकाल लिया जाता है ..

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