रविवार, 6 नवंबर 2011

कार्टून:- एक था लल्लू और था उसका घल्लू-मल्लू


13 टिप्‍पणियां:

  1. हा हा! लोग घपले के शिखर पर इमानदारी का लेमनचूस लिये बैठे हैं! :)

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  2. हा हा हा ! अब चाहने पर भी प्रतिबन्ध लगेगा ?
    मियां , दस्तक देते हैं, हम द्वार खोलते हैं , देखते हैं कोई नहीं । :)

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  3. मन्नू के चाहते लोगों का चाहना कहाँ हो पा रहा है

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  4. बहुत सुन्दर!
    देवोत्थान पर्व की शुभकामनाएँ!

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  5. पर यहाँ सैलरी तो बढती है चवन्नी और महंगाई बढती है दो रुपया|

    Gyan Darpan

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  6. जिनको पगार नहीं मिलती बॉस उसका क्या?

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  7. बहुत अच्छी प्रस्तुति !

    मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है,कृपया अपने महत्त्वपूर्ण विचारों से अवगत कराएँ ।
    http://poetry-kavita.blogspot.com/2011/11/blog-post_06.html

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  8. सुंदर पोस्ट.आपका कार्टून बहुत पसंद आया,
    मेरे पोस्ट में स्वागत है....

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