शनिवार, 5 नवंबर 2011

कार्टून:-तेली का खेल


18 टिप्‍पणियां:

  1. तेल कंपनियाँ पुण्य के कामों में लगी थीं, अब थक चली हैं।

    जवाब देंहटाएं
  2. :):) सही है .शायद नुक्सान केवल कागजों पर होता होगा

    जवाब देंहटाएं
  3. बात तो एकदम सही है घाटे में क्यों चला रही है इन्हें !!

    Gyan Darpan

    जवाब देंहटाएं
  4. हा हा! हजारों करोड़ रुपये का नुकसान ठेल रही सरकार को लोग बन्द क्यों नहीं करते दादा जी! :)

    जवाब देंहटाएं
  5. झेल क्या रहीं हैं मजे से इतने दिनों से रेल रही हैं अब आँखें खुली सरकार गरीबों की झोली ....
    सुन्दर व्यंग्य
    भ्रमर ५

    जवाब देंहटाएं
  6. यही सवाल बच्चे सरकार के लिए भी पूछते हैं , जब इनसे देश नहीं संभल रहा , महंगाई नहीं संभाल रही तो ये आराम क्यों नहीं कर लेती !

    जवाब देंहटाएं
  7. आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार के चर्चा मंच पर भी की गई है!
    यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।

    जवाब देंहटाएं
  8. यही बात है .....
    शुभकामनायें आपको काजल भाई !

    जवाब देंहटाएं
  9. ऊ केवल हमरी फटफटिया के लिए चल रही हैं !

    जवाब देंहटाएं
  10. ओह तेल कम्पनियाँ कितनी दयालू हैं।

    जवाब देंहटाएं

LinkWithin

Blog Widget by LinkWithin