शुक्रवार, 4 मार्च 2011

कार्टून:- मैं चाहे जहां करूं... मेरी उंग्गली...


20 टिप्‍पणियां:

  1. थोमस की तो पुंगी बज गयी. अब सरकार की बारी है जो अभी भी गलती मानने को तैयार नहीं है. सब राज-काज है,

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  2. कुछ तो चाहिये शोर मचाने के लिये।

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  3. :):)...शोर ही सुन कर रह जाते हैं ..परिणाम कुछ नहीं निकलता ...ढाक के वही तीन पात

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  4. जब सरकार को शर्म आएगी तब ना |

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  5. इन दिनों विपक्ष का काम बहुत आसान हो गया है। सत्तानशीनों की कारगुजारियां स्वतः जनता के सामने आ रही हैं।

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  6. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  7. मुझे मालूम है ये जहां भी उंगली करेगा वो हमेशा गलत जगह ही होगी.:)

    रामराम.

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  8. बजाने दिजिए काजल भाई,, इनलांेगों की पुंगी आवाज नहीं करती... पर करारा यह कि मैं चाहे जो करू मेरी उंगली.............आभार।

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  9. भला इनकी उंगली पर हमें क्यों आपत्ति होगी ;)

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