टिप्पणी इतनी कि दिनेश जी की बात में दम है , पर इससे आगे ये कि मैं पहले भी कह चुका हूँ कि आपके कैरेक्टर्स की बाडी लैंगुएज कमाल होती है और उसपर आपने मुहावरा (आग..) भी विजुअलाइज कर दिया ! आपकी रचनाधर्मिता के यूंहीं तो कायल नहीं हैं हम !
किरण जी , पाकिस्तान की कथनी और करनी का बेहूदा फर्क बा-खूबी नुमाया करता आपका ये कार्टून हिदुस्तान के नुमायिन्दो की अक्ल पर पड़े पत्थर की भी दर्दनाक बेवकूफी बयान करता है , ना जाने वो सुनहरा दिन कब आये गा जब हिन्दुस्तान के आला दिमाग हुक्मरानों को अपनी मनहूस बेवकूफी से निजात मिले गी , वैसे मुझे नहीं लगता की वो खुशनुमा दिन जल्दी आ पाए गा /
द्विवेदी जी अमन फ़ैलाना कठिन काम है यह कठिन काम तो हम बरसों से कर ही रहे हैं अब कम से कम एक बार तो आसान काम करके देखें… आखिर कब तनकर सीधे खड़े होना सीखेगा यह देश…?
वे अपना काम मुस्तैदी से करते हैं तो हम अपना अधिक मुस्तैदी से क्यों न करें? अमन निश्चित रूप से आतंक फैलाने से कई सौ गुना कठिन काम है।
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंkuchh jayada ho gaya kajal jeeeeeeeeeeeeee
जवाब देंहटाएंव्यंग काफी जोरदार किया।
जवाब देंहटाएंइनकी तो फ़ितरत ही यही है...
जवाब देंहटाएंटिप्पणी इतनी कि दिनेश जी की बात में दम है , पर इससे आगे ये कि मैं पहले भी कह चुका हूँ कि आपके कैरेक्टर्स की बाडी लैंगुएज कमाल होती है और उसपर आपने मुहावरा (आग..) भी विजुअलाइज कर दिया ! आपकी रचनाधर्मिता के यूंहीं तो कायल नहीं हैं हम !
जवाब देंहटाएंइस बारे में कुछ पता नहीं है...इसलिए बिना जाने पर्तिक्रिया व्यक्त करना सही नहीं होगा ...
जवाब देंहटाएंवैसे आपके कार्टून हमेशा बढ़िया ही होते हैं :-)
किरण जी ,
जवाब देंहटाएंपाकिस्तान की कथनी और करनी का बेहूदा फर्क बा-खूबी नुमाया करता आपका ये कार्टून हिदुस्तान के नुमायिन्दो की अक्ल पर पड़े पत्थर की भी दर्दनाक बेवकूफी बयान करता है , ना जाने वो सुनहरा दिन कब आये गा जब हिन्दुस्तान के आला दिमाग हुक्मरानों को अपनी मनहूस बेवकूफी से निजात मिले गी , वैसे मुझे नहीं लगता की वो खुशनुमा दिन जल्दी आ पाए गा /
i am really very sorry for calling you 'kiran ji' despite of kajal ji.
जवाब देंहटाएंi suppose you would appreciate the slip of pen.
thanks.
अमन फैलाना सौ गुना कठीन है तो एक चाँटा क्यों नहीं धर देते? बात यह है कि दानव को मानव नहीं बनाया जा सकता तो फिर कोशिश छोड़ो.
जवाब देंहटाएंसही रोष व्यक्त किया है आपने.
घटना को बहुत सटीक अभिव्यक्त किया है आपने, नमन आपकी रचनाधर्मिता को.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बहुत बढ़िया सामयिक प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंबडिया प्रस्तुती है आभार
जवाब देंहटाएंये सही भिगो के मारा है!!!!!!!!!!!!!!!!!
जवाब देंहटाएंयही औकात है हमारी. सही हिट.
जवाब देंहटाएंकरूँ क्या आस निरास भई।
जवाब देंहटाएंघुघूती बासूती
बहुत बढ़िया प्रस्तुति!!
जवाब देंहटाएंसही बात है , कील भी ठोक दी और ----!!!
जवाब देंहटाएंसही बात है , कील भी ठोक दी और ----!!!
जवाब देंहटाएंकाजल जी
जवाब देंहटाएंआपका यह कार्टून पुरुस्कार के योग्य है, बहुत बहुत प्रसंशनीय !!!
श्याम कोरी 'उदय'
द्विवेदी जी अमन फ़ैलाना कठिन काम है यह कठिन काम तो हम बरसों से कर ही रहे हैं अब कम से कम एक बार तो आसान काम करके देखें… आखिर कब तनकर सीधे खड़े होना सीखेगा यह देश…?
जवाब देंहटाएंहम गांधी बाबा के रास्ते पर तो शुरु से चल रहे है, एक बार नेता जी सुभाष चंद्र बोस ओर भगत सिंह के रास्ते पर चल कर भी देखो
जवाब देंहटाएंitna bheega kar maara hai...seedha hi jhapad laga dete ..:)
जवाब देंहटाएंहाँ ये बम विस्फोद अमन का ही तो संकेत था ......यहाँ तो हर रोज़ अमन का सामान मिलता है .....!!
जवाब देंहटाएंद्रव के रंग से तो लगता है कि इस बन्दे को पीलिया है। नहीं है तो हो जायेगा! :)
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