बुधवार, 26 अगस्त 2009

कार्टून:-दर्द का गीत है..कोई गुनगुनाए कैसे..

18 टिप्‍पणियां:

  1. भाई ये तो बहुत ही बढ़िया है............
    हा हा हा हा

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  2. लगता है की पक्षी भी इनसान बनने की सोच रहे हैँ

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  3. आलस्य के कारण तो कुछ छूट सबको मिलती है काजल जी। इन्हें भी हक है।

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  4. उड़ोगी नहीं तो
    दुनिया ही उजड़ जाएगी
    मेरी
    और फिर आलस भी न कर पाओगी
    मेरी बिल्‍लो
    क्‍योंकि
    पीछे बिल्‍ला ...

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  5. यह तो मनोवैज्ञानिक बात हो गई - आलस्य मानवेत्तर जीवों में जैविक फिनॉमिना है या मानसिक?
    मैने चिड़िया को बीमारी से सुस्त देखा है, आलस्य से नहीं!

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  6. वाह बहुत खूब तनेजा जी सही कह रहे हैं

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  7. आज आलस के मारे कमेन्ट करने का मन नहीं कर रहा !

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  8. हमसे भी आलस के मारे कोई नयी पोस्ट नहीं लिखी जा रही...:)

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  9. .
    .
    शुक्र मना रे पंछी कि बिल्ली को भी आज आलस छाया है...

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