गुरुवार, 30 जून 2011

कार्टून :- कबीरा तेरे देश में तरह तरह के...



28 टिप्‍पणियां:

  1. इसीलिए तो ये बोलता नहीं चुपचाप अपना काम किये जा रहा है |

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  2. और कोई बोलेगा भी तो हम सुनेगें ही नहीं.देखें क्या बिगड लेगा हमारा.

    काजल जी मेरे ब्लॉग को फालो कर क्या भूल गएँ हैं बिलकुल?

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  3. अब ज्यादा दिन चुप नही रहेंगे, बहुत होगया.:)

    रामराम

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  4. अब ज्यादा दिन चुप नही रहेंगे, बहुत होगया.:)

    रामराम

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  5. ताऊ रामपुरिया जी
    अापकी अनुपस्थिति बहुत खल रही थी. सुस्वागत.
    सादर.

    राकेश जी
    निश्चय ही क्षमाप्रार्थी हूं कि समय के दौड़ नहीं ही लगा पा रहा हूं :)
    सादर.

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  6. इस उत्कृष्ट कार्टून की चर्चा कल शुक्रवार के चर्चा मंच पर भी की गई है!
    यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल उद्देश्य से दी जा रही है!

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  7. जो आवाज ऊठाता हे उस मे से कमिया निकालना शुरु कर देते हे लोग.....

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  8. चुप रहने से क्या ,राज़ की बातें कब तक छुपेंगी.

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  9. जो बोले - उस पर सी बी आय की जांच बिठा दी जायेगी , और उसका चरित्र हनन पुरजोर तरीके से होगा - यही सन्देश दे रही है सरकार - लगातार - बार बार .... :(

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  10. aapke blog par charcha manch ke madhyam se first time aai hoon.bahut achcha laga bahut achche kaartoon dekhne ko mile.follow kar rahi hoon taaki nai post ka pata chalta rahe.apne blog par bhi aamantrit kar rahi hoon.

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  11. Kya bolenge? Jab tak nichode ja sakte hain,nichudte chale jayenge!

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  12. कबीरा तेरे देश में....
    कछु तो...., कछु..:)

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  13. यही तो असली रोना है, और कीमतों को कम कर लीजिये लेकिन टेक्सों की कमायी को कम नहीं किया जा सकता. हँसी हँसी में कड़वा सच, बहुत खूब.

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  14. छुपी हुई मार है आदमी पिट भी जाए उसे खबर भी न हो .

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