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काजल भाई यहां चुपचाप से मतलब कौन है, बाबा रामदेव या भारत की जनता,वैसे इस बात को हिटलर रुपी ये फ़ोटो वाला तो बताने से रहा,
विरोध बहुत जरूरी है... स्थिति बहुत भयावह है..
Sad!
जो हुआ यक़ीनन बहुत दुखद है.....
बहुत बढिया।---------कौमार्य के प्रमाण पत्र की ज़रूरत किसे है?ब्लॉग समीक्षा का 17वाँ एपीसोड।
प्रजातंत्र के लिये वाकई बहुत दुखद है. धन्यवाद!
प्रजातंत्र के लिये बहुत दुखद है. धन्यवाद!
Ye chupchaap log,jo bhee hon,hote to bahut khatarnaak hain!
तभी उन पर लाठियां बरसती हैं
बहुत सटीक कहा काजल भाई।देश में 1974 का दमन हमलोग पढ़ते थे आज आंखों से देखा।
पुलिस ने नई दिल्ली जिले में निषेधाज्ञा लगाईयाद कीजिए - अंतिम बार ये शब्द कब सुने थे - निषेधाज्ञासरकार की मंशा समझ आएगी - पर धीरे धीरे
बाकी आपका कार्टून - सारी कहानी कहता है...
जो सोया सो खोया, जो जागा सो पाया :)
सटीक |इस सरकार को महंगा पड़ेगा ये हिटलरपना |
नही यह हिटलर नही, चुहा हे, हिटलर तो जर्मन को बनाने वाला था,अमीरो का दुशमन...अब भारत की जनता की आंखे ना खुली तो यह चुहा जरुर हिटलर का बह रुपिया बन जायेगा...
बहुत बढ़िया,पर बाबा की ब्लैकमेलिंग से बचने के लिये सरकार ने सही किया, प्रजातंत्र और भीड़तंत्र में कुछ तो अंतर है, विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
सब दुखद है ..हमें इस विषय में सोचना होगा गंभीरता से .....!
बाबा है, वो भी भगवे कपड़े वाला, कसाब थोडे ही है? यही होना था।
जो कुछ हुआ बेहद दुखद है.अब कहाँ रह गया प्रजातंत्र!.....जो कुछ भी इस सरकार ने किया वह उस खुद के लिए भी आत्मघाती कदम ही सिद्ध होगा .
टिप्पणी में केवल इतना ही कहूँगा कि-करें विश्वास अब कैसे, सियासत के फकीरों परउड़ाते मौज़ जी भरकर, हमारे ही जखीरों पररँगे गीदड़ अमानत में ख़यानत कर रहे हैं अबलगे हों खून के धब्बे, जहाँ के कुछ वज़ीरों पर
आगे-आगे देखिए होता है क्या.....
चुपचाप सोये लोगों को मारो और चुप्पी साधे रहो। गजब हैं भारतीय तानाशाह भी।
अफसोस!
सटीक कटाक्ष।हर तानाशाह तभी आक्रमण करता है जब लोग बेफिक्र हो जाते हैं।
जो कुछ हुआ बेहद दुखद है.लेकिन शर्म अभी भी कोसों दूर है...अच्छा व्यंगचित्र...
क्या हिटलरशाही है...मजेदार. ___________________'पाखी की दुनिया ' में आपका स्वागत है !!
very nice up to mark .spring has sprung.
सही बात है। शुभकामना.
speechless.....
हमे जागना ही होगा
छा गए भाई काजल कुमार !सोते हुए लोग वास्तव में बहुत खतरनाक होतें हैं :ख़्वाब में भी आपका शासन गिरा सकतें हैं .
काजल भाई
जवाब देंहटाएंयहां चुपचाप से मतलब कौन है, बाबा रामदेव या भारत की जनता,
वैसे इस बात को हिटलर रुपी ये फ़ोटो वाला तो बताने से रहा,
विरोध बहुत जरूरी है... स्थिति बहुत भयावह है..
जवाब देंहटाएंSad!
जवाब देंहटाएंजो हुआ यक़ीनन बहुत दुखद है.....
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया।
जवाब देंहटाएं---------
कौमार्य के प्रमाण पत्र की ज़रूरत किसे है?
ब्लॉग समीक्षा का 17वाँ एपीसोड।
प्रजातंत्र के लिये वाकई बहुत दुखद है. धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंप्रजातंत्र के लिये बहुत दुखद है. धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंYe chupchaap log,jo bhee hon,hote to bahut khatarnaak hain!
जवाब देंहटाएंतभी उन पर लाठियां बरसती हैं
जवाब देंहटाएंबहुत सटीक कहा काजल भाई।
जवाब देंहटाएंदेश में 1974 का दमन हमलोग पढ़ते थे आज आंखों से देखा।
पुलिस ने नई दिल्ली जिले में निषेधाज्ञा लगाई
जवाब देंहटाएंयाद कीजिए - अंतिम बार ये शब्द कब सुने थे - निषेधाज्ञा
सरकार की मंशा समझ आएगी - पर धीरे धीरे
बाकी आपका कार्टून - सारी कहानी कहता है...
जवाब देंहटाएंजो सोया सो खोया, जो जागा सो पाया :)
जवाब देंहटाएंसटीक |
जवाब देंहटाएंइस सरकार को महंगा पड़ेगा ये हिटलरपना |
नही यह हिटलर नही, चुहा हे, हिटलर तो जर्मन को बनाने वाला था,अमीरो का दुशमन...अब भारत की जनता की आंखे ना खुली तो यह चुहा जरुर हिटलर का बह रुपिया बन जायेगा...
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया,पर बाबा की ब्लैकमेलिंग से बचने के लिये सरकार ने सही किया, प्रजातंत्र और भीड़तंत्र में कुछ तो अंतर है,
जवाब देंहटाएंविवेक जैन vivj2000.blogspot.com
सब दुखद है ..हमें इस विषय में सोचना होगा गंभीरता से .....!
जवाब देंहटाएंबाबा है, वो भी भगवे कपड़े वाला, कसाब थोडे ही है? यही होना था।
जवाब देंहटाएंजो कुछ हुआ बेहद दुखद है.
जवाब देंहटाएंअब कहाँ रह गया प्रजातंत्र!
.....
जो कुछ भी इस सरकार ने किया वह उस खुद के लिए भी आत्मघाती कदम ही सिद्ध होगा .
टिप्पणी में केवल इतना ही कहूँगा कि-
जवाब देंहटाएंकरें विश्वास अब कैसे, सियासत के फकीरों पर
उड़ाते मौज़ जी भरकर, हमारे ही जखीरों पर
रँगे गीदड़ अमानत में ख़यानत कर रहे हैं अब
लगे हों खून के धब्बे, जहाँ के कुछ वज़ीरों पर
आगे-आगे देखिए होता है क्या.....
जवाब देंहटाएंचुपचाप सोये लोगों को मारो और चुप्पी साधे रहो। गजब हैं भारतीय तानाशाह भी।
जवाब देंहटाएंअफसोस!
जवाब देंहटाएंसटीक कटाक्ष।
जवाब देंहटाएंहर तानाशाह तभी आक्रमण करता है जब लोग बेफिक्र हो जाते हैं।
जो कुछ हुआ बेहद दुखद है.
जवाब देंहटाएंलेकिन शर्म अभी भी कोसों दूर है...
अच्छा व्यंगचित्र...
क्या हिटलरशाही है...मजेदार.
जवाब देंहटाएं___________________
'पाखी की दुनिया ' में आपका स्वागत है !!
very nice up to mark .spring has sprung.
जवाब देंहटाएंसही बात है। शुभकामना.
जवाब देंहटाएंspeechless.....
जवाब देंहटाएंहमे जागना ही होगा
जवाब देंहटाएंछा गए भाई काजल कुमार !सोते हुए लोग वास्तव में बहुत खतरनाक होतें हैं :ख़्वाब में भी आपका शासन गिरा सकतें हैं .
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