रविवार, 5 जून 2011

कार्टून:- चुपचाप सोये हुए लोग बहुत ख़तरनाक होते हैं


31 टिप्‍पणियां:

  1. काजल भाई
    यहां चुपचाप से मतलब कौन है, बाबा रामदेव या भारत की जनता,
    वैसे इस बात को हिटलर रुपी ये फ़ोटो वाला तो बताने से रहा,

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  2. विरोध बहुत जरूरी है... स्थिति बहुत भयावह है..

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  3. प्रजातंत्र के लिये वाकई बहुत दुखद है. धन्यवाद!

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  4. प्रजातंत्र के लिये बहुत दुखद है. धन्यवाद!

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  5. Ye chupchaap log,jo bhee hon,hote to bahut khatarnaak hain!

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  6. बहुत सटीक कहा काजल भाई।

    देश में 1974 का दमन हमलोग पढ़ते थे आज आंखों से देखा।

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  7. पुलिस ने नई दिल्ली जिले में निषेधाज्ञा लगाई


    याद कीजिए - अंतिम बार ये शब्द कब सुने थे - निषेधाज्ञा
    सरकार की मंशा समझ आएगी - पर धीरे धीरे

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  8. बाकी आपका कार्टून - सारी कहानी कहता है...

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  9. सटीक |
    इस सरकार को महंगा पड़ेगा ये हिटलरपना |

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  10. नही यह हिटलर नही, चुहा हे, हिटलर तो जर्मन को बनाने वाला था,अमीरो का दुशमन...अब भारत की जनता की आंखे ना खुली तो यह चुहा जरुर हिटलर का बह रुपिया बन जायेगा...

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  11. बहुत बढ़िया,पर बाबा की ब्लैकमेलिंग से बचने के लिये सरकार ने सही किया, प्रजातंत्र और भीड़तंत्र में कुछ तो अंतर है,
    विवेक जैन vivj2000.blogspot.com

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  12. सब दुखद है ..हमें इस विषय में सोचना होगा गंभीरता से .....!

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  13. बाबा है, वो भी भगवे कपड़े वाला, कसाब थोडे ही है? यही होना था।

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  14. जो कुछ हुआ बेहद दुखद है.
    अब कहाँ रह गया प्रजातंत्र!
    .....
    जो कुछ भी इस सरकार ने किया वह उस खुद के लिए भी आत्मघाती कदम ही सिद्ध होगा .

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  15. टिप्पणी में केवल इतना ही कहूँगा कि-

    करें विश्वास अब कैसे, सियासत के फकीरों पर
    उड़ाते मौज़ जी भरकर, हमारे ही जखीरों पर

    रँगे गीदड़ अमानत में ख़यानत कर रहे हैं अब
    लगे हों खून के धब्बे, जहाँ के कुछ वज़ीरों पर

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  16. आगे-आगे देखिए होता है क्या.....

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  17. चुपचाप सोये लोगों को मारो और चुप्पी साधे रहो। गजब हैं भारतीय तानाशाह भी।

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  18. सटीक कटाक्ष।
    हर तानाशाह तभी आक्रमण करता है जब लोग बेफिक्र हो जाते हैं।

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  19. जो कुछ हुआ बेहद दुखद है.
    लेकिन शर्म अभी भी कोसों दूर है...
    अच्छा व्यंगचित्र...

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  20. क्या हिटलरशाही है...मजेदार.
    ___________________

    'पाखी की दुनिया ' में आपका स्वागत है !!

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  21. छा गए भाई काजल कुमार !सोते हुए लोग वास्तव में बहुत खतरनाक होतें हैं :ख़्वाब में भी आपका शासन गिरा सकतें हैं .

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