आनन्-फानन में सरकार ने पीडिता को एक्सपोर्ट और इम्पोर्ट करके चिता भी जलवा दी ! क्या इससे इनके गुनाह कम हो गए ? या छुप गए ? इतनी त्वरित कार्यवाई ? वो भी गूंगो बहरों द्वारा ? माजरा क्या है ?
बहुत सुन्दर प्रस्तुति! आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (31-112-2012) के चर्चा मंच-1110 (साल की अन्तिम चर्चा) पर भी होगी! सूचनार्थ! -- कभी-कभी मैं सोचता हूँ कि चर्चा में स्थान पाने वाले ब्लॉगर्स को मैं सूचना क्यों भेजता हूँ कि उनकी प्रविष्टि की चर्चा चर्चा मंच पर है। लेकिन तभी अन्तर्मन से आवाज आती है कि मैं जो कुछ कर रहा हूँ वह सही कर रहा हूँ। क्योंकि इसका एक कारण तो यह है कि इससे लिंक सत्यापित हो जाते हैं और दूसरा कारण यह है कि पत्रिका या साइट पर यदि किसी का लिंक लिया जाता है उसको सूचित करना व्यवस्थापक का कर्तव्य होता है। सादर...! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
वह तो कब से बजा रहा
जवाब देंहटाएंहा हा हा..बहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंsahi tamacha mare boss
जवाब देंहटाएं:(
जवाब देंहटाएंमोमबत्ती का बहुआयामी इस्तेमाल है यह भाई साहब .उसकी तीन सुरक्षित बाकी का क्या ?
जवाब देंहटाएंआनन्-फानन में सरकार ने पीडिता को एक्सपोर्ट और इम्पोर्ट करके चिता भी जलवा दी ! क्या इससे इनके गुनाह कम हो गए ? या छुप गए ? इतनी त्वरित कार्यवाई ? वो भी गूंगो बहरों द्वारा ? माजरा क्या है ?
जवाब देंहटाएंLet the morons play flute....
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बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (31-112-2012) के चर्चा मंच-1110 (साल की अन्तिम चर्चा) पर भी होगी!
सूचनार्थ!
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कभी-कभी मैं सोचता हूँ कि चर्चा में स्थान पाने वाले ब्लॉगर्स को मैं सूचना क्यों भेजता हूँ कि उनकी प्रविष्टि की चर्चा चर्चा मंच पर है। लेकिन तभी अन्तर्मन से आवाज आती है कि मैं जो कुछ कर रहा हूँ वह सही कर रहा हूँ। क्योंकि इसका एक कारण तो यह है कि इससे लिंक सत्यापित हो जाते हैं और दूसरा कारण यह है कि पत्रिका या साइट पर यदि किसी का लिंक लिया जाता है उसको सूचित करना व्यवस्थापक का कर्तव्य होता है।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
:-(
जवाब देंहटाएंक्या कहें?
जवाब देंहटाएंइससे अच्छा व्यंग इस सरकार पर हो ही नहीं सकता. काजल भाई बहुत सुंदर निरूपण इस सरकार की संवेदनहीनता का.
जवाब देंहटाएंकुछ तो करना है
जवाब देंहटाएंप्रभावी लेखन,
जवाब देंहटाएंजारी रहें,
बधाई !!
लेखन !
हटाएंयार पेस्ट करने से पहले ऊपर नज़र ही मार ली होती :(
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ... आशा है नया वर्ष न्याय वर्ष नव युग के रूप में जाना जायेगा।
जवाब देंहटाएंब्लॉग: गुलाबी कोंपलें - जाते रहना...
waah kya baat hai
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