चलो क्रिसमस मनायें नया साल मनायें क्योंकि ………सब ठीक है क्या हुआ जो किसी की दुनिया मिट गयी ………मगर मैं बच गया क्या हुआ जो किसी का बलात्कार हुआ …………मगर मैं बच गया क्या हुआ जो आन्दोलन बेअसर हुआ……………मेरा घर तो बच गया क्या हुआ जो मै उनके साथ ना लडा ……………क्योंकि ये मेरी लडाई नहीं क्या हुआ जो समाज बिगड गया ………………मगर मेरा तो कुछ ना बिगडा क्या हुआ जो समयानुकूल ना कोई कदम उठा …………मैं तो घर पहुँच गया क्या हुआ जो दोषारोपण हुआ …………मुझ पर तो ना इल्ज़ाम लगा क्या हुआ जो व्यवस्था दूषित हुयी …………मगर मेरी इज़्ज़त तो बच गयी जब तक मेरी ऐसी सोच रहेगी मैं कहता रहूँगा …………सब ठीक है और मनाता रहूँग़ा क्रिसमस नया साल उसी उल्लास के साथ क्योंकि …………ऐसा कुछ ना मेरे साथ घटित हुआ जब तक ये सोच ना बदलेगी जब तक दूजे का दर्द ना अपना लगेगा तब तक हर खास-ओ-आम यही कहेगा सब ठीक है …………सब ठीक है
अब ये तो वही बात हुई कि 'हम' बोले तो बोलते हो कि बोलता है!
जवाब देंहटाएंkARARAAAA
जवाब देंहटाएंठीक हे....
जवाब देंहटाएं"सब पर भरी....अटल बिहारी "
वो तो कैमरामैन का हालचाल पूँछ रहे थे.
जवाब देंहटाएं...बोल दिए हैं तो ठीक ही होगा :-)
जवाब देंहटाएंशुक्र मनाईये ताऊ महाराज के मुंह से कुछ तो फ़ूटा.:)
जवाब देंहटाएंरामराम.
कुछ तो बोले ... :):)
जवाब देंहटाएंजी, बिलकुल ठीsssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssक है!
जवाब देंहटाएंफ़र्माबरदारी बनी रहे, इसलिये कन्फ़र्म करते रहते हैं। ठीक है..
जवाब देंहटाएंइस संदर्भ मे सिर्फ़ यही कहूँगी
जवाब देंहटाएंचलो क्रिसमस मनायें
नया साल मनायें
क्योंकि ………सब ठीक है
क्या हुआ जो किसी की दुनिया मिट गयी ………मगर मैं बच गया
क्या हुआ जो किसी का बलात्कार हुआ …………मगर मैं बच गया
क्या हुआ जो आन्दोलन बेअसर हुआ……………मेरा घर तो बच गया
क्या हुआ जो मै उनके साथ ना लडा ……………क्योंकि ये मेरी लडाई नहीं
क्या हुआ जो समाज बिगड गया ………………मगर मेरा तो कुछ ना बिगडा
क्या हुआ जो समयानुकूल ना कोई कदम उठा …………मैं तो घर पहुँच गया
क्या हुआ जो दोषारोपण हुआ …………मुझ पर तो ना इल्ज़ाम लगा
क्या हुआ जो व्यवस्था दूषित हुयी …………मगर मेरी इज़्ज़त तो बच गयी
जब तक मेरी ऐसी सोच रहेगी
मैं कहता रहूँगा …………सब ठीक है
और मनाता रहूँग़ा क्रिसमस नया साल उसी उल्लास के साथ
क्योंकि …………ऐसा कुछ ना मेरे साथ घटित हुआ
जब तक ये सोच ना बदलेगी
जब तक दूजे का दर्द ना अपना लगेगा
तब तक हर खास-ओ-आम यही कहेगा
सब ठीक है …………सब ठीक है
वाह! इसे तो अपनी कविता के साथ जोड़ देना चाहिए था मुझे।
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