बहुत सुन्दर प्रस्तुति! दो दिनों से नेट नहीं चल रहा था। इसलिए कहीं कमेंट करने भी नहीं जा सका। आज नेट की स्पीड ठीक आ गई और रविवार के लिए चर्चा भी शैड्यूल हो गई। आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (2-12-2012) के चर्चा मंच-1060 (प्रथा की व्यथा) पर भी होगी! सूचनार्थ...!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंदो दिनों से नेट नहीं चल रहा था। इसलिए कहीं कमेंट करने भी नहीं जा सका। आज नेट की स्पीड ठीक आ गई और रविवार के लिए चर्चा भी शैड्यूल हो गई।
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (2-12-2012) के चर्चा मंच-1060 (प्रथा की व्यथा) पर भी होगी!
सूचनार्थ...!
नैट में व्यवधान वास्तव में ही बहुत कष्टदायक होता है. बाहरी दुनिया से कटा-कटा लगता है
जवाब देंहटाएं...और एकाउंट में कम से कम 26 रूपये हों :-)
जवाब देंहटाएंला -ज़वाब काजल भाई .फिलवक्त तो झगड़ा आम आदमी को लेकर है . सरकार ने उसे अपने कब्जे में ले रखा है .
जवाब देंहटाएंऊफ़्फ़ कम २४ इंच से कम करने के लिये तो बहुत मेहनत करनी पड़ेगी, उसमें भी कुछ इंच की सब्सिडी मिलनी चाहिये, कम से कम ५०% तो ठीक होगा ;-)
जवाब देंहटाएंbeautiful thought and expression
जवाब देंहटाएंगज़ब का कटाक्ष! पान घुलाया था, बड़ी मुश्किल से संभाला वरना लैपटॉप रंगीन हो जाता। :)
जवाब देंहटाएंजबरदस्त कटाक्ष शानदार कार्टून के लिए बधाई
जवाब देंहटाएंकांग्रेस ने जिस आम आदमी को गत 127 साल से बंधक बनाया हुआ है उसकी कमर 24 इंच से ज्यादा हो ही नहीं सकती उसी का खून चूसने वाला बग है कांग्रेस .
जवाब देंहटाएंसुन्दर बात
जवाब देंहटाएंसच में..
जवाब देंहटाएंबिलुकल जायज माँग है।
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