कार्टून एक स-शक्त माध्यम है अपनी बात कहने का .....इस कार्टून को देख ये बात सिद्ध हो जाती है .बधाई .सन्देश उन तक पहुंचे जिनके लिए है तो सार्थक भी हो जाएगा :)
काजल भाई मुबारक मोदी की जीत .सम्वेदनाओं की पराकाष्ठा है आपने दिल्ली रैप पर व्यंग्य चित्र नहीं बनाया बनाते तो दिखाते सोनिया और शीला दिल्ली में सुरक्षित हैं कौन कहता है महिलायें
हूँ लगता तो है!
जवाब देंहटाएं:)
जवाब देंहटाएंKisne dekha 2052?
जवाब देंहटाएं:-) :-)
जवाब देंहटाएंअनु
aap ko to lagta hai Future dikhaane wala magic mirror mil gya hai ..
जवाब देंहटाएंचु -चु -चु ....भगवान की यह दुर्दशा मुझे देखी नहीं जायेगी :)
जवाब देंहटाएं:):) इज्ज़त से विदा हो जाएँ भगवान ।
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंआपकी इस उत्कृष्ट पोस्ट की चर्चा कल (19-12-12) के चर्चा मंच पर भी है । जरुर पधारें ।
जवाब देंहटाएंसूचनार्थ ।
सुन्दर लेखनी !!!
जवाब देंहटाएंहम तो फिर भी नहीं सुधरेंगे।
जवाब देंहटाएंअपने हीरो का ऐसा हस्र ! :)
जवाब देंहटाएंआपका कुछ कार्टून अपनी सीमाओं का अतिक्रमण करता लगता है इस सन्दर्भ में , जैसे मेरा यह कमेन्ट . हम सदैव एक जैसे कहाँ रह पाते हैं.....
जवाब देंहटाएंfit hai boss
जवाब देंहटाएंकार्टून एक स-शक्त माध्यम है अपनी बात कहने का .....इस कार्टून को देख ये बात सिद्ध हो जाती है .बधाई .सन्देश उन तक पहुंचे जिनके लिए है तो सार्थक भी हो जाएगा :)
जवाब देंहटाएंकाजल के कार्टून जो कह जाते हैं वह कोई कह नहीं सकता .एक खदबदाहट को वाणी दे जाते हैं .
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जवाब देंहटाएंकाजल के कार्टून जो कह जाते हैं वह कोई कह नहीं सकता .एक खदबदाहट को वाणी दे जाते हैं .चित्र व्यंग्य तनाव घटाते हैं सामयिक विमर्श का खुलासा करतें हैं .
काजल भाई मुबारक मोदी की जीत .सम्वेदनाओं की पराकाष्ठा है आपने दिल्ली रैप पर व्यंग्य चित्र नहीं बनाया बनाते तो दिखाते सोनिया और शीला दिल्ली में सुरक्षित हैं कौन कहता है महिलायें
जवाब देंहटाएंअरक्षित हैं .
Virendra Kumar Sharma जी, दिल्ली की घटना के बारे में सोच कर भी सिहर उठता हूं. मैं इस पर कुछ भी बनाने में सक्षम नही :(
हटाएं..आज नायक लाचार हो गया है !
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