संयुक्त अरब अमीरात भारत से साढ़े तीन घंटे की हवाई दूरी पर है, लगभग इतनी ही देर में सीधी हवाई सेवा से दिल्ली व त्रिवेंद्रम की दूरी तय की जा सकती है. यहां का समय भारत से डेढ़ घंटा पीछे है. |
यह सुंदर इमारतों का देश है. इस देश में सात राज्य हैं अबू धाबी, दुबई, शरजाह, अजमान, क़ुवैन, ख़ैमा व फ़ुजियारा. अबू धाबी में संयुक्त सरकार का मुख्यालय है. दुबई यहां का सबसे बड़ा शहर है. जबकि अबुधाबी राज्य के पास देश के कुल क्षेत्रफल का 87% है. आज यहां के मूल देशवासी जिन्हें अमीराती कहते हैं, कुल जनसंख्या का केवल 19% हैं, 15% दूसरे अरबी हैं. 50% दक्षिण एशियाई हैं. 8% इरानी व 8% ही बाक़ी लोग हैं. कुल आबादी का लगभग 30% भारतीय हैं. |
दुबई की पहचान बन चुना यह बुर्ज अल अरब होटल है जिसके साइड में एक हेलीपैड भी है. संयुक्त अरब अमीरात के कुल उत्पाद का 28% तेल व गैस निर्यात है. 1962 में यहां से पहली बार तेल निर्यात हुआ. 1971 में संयुक्त अरब अमीरात की स्थापना हुई. |
दुबई से अबू धाबी जाते हुए रास्ते (freeway) में यह चपातीनुमा गोल इमारत देखते ही बनती है. इस फ़्री-वे पर 160 कि.मी. प्रतिघंटा की रफ़्तार मान्य है पर लोग 180-200 कि.मी. की रफ़्तार से भी गाड़ियां दौड़ा लेते हैं. दुबई से अबू धाबी की दूरी लगभग 160 कि.मी. है जिसमें क़रीब डेढ़ घंटा लगता है. |
यह है अबू धाबी में भारत का राजदूतावास. इसके ठीक सामने अमरीका का राजदूतावास है. भारतीय यहां हर क्षेत्र में सक्रीय हैं चाहे दक्ष सेवा-क्षेत्र हो या टैक्सी चालन या फिर दुकानदारी… |
अबू धाबी में निर्माणाधीन यह अजीब बया के घोंसले सी टेढ़ी निर्माणाधीन इमारत अपनी ओर ध्यान आकर्षित करती है. देश की 88% जनता शहरी इलाक़ों में रहती है. |
अबू धाबी के होटल इंटर कांटीनेंटल से एक मनोहारी दृश्य. यहां की मुद्रा AED (अरब अमीरात दिरहम) हे. एक डालर में लगभग तीन दिरहम आते हैं तो एक दिरहम में 12.90 रूपये. |
दुबई के होटल अल बुतान रोताना के कमरे में प्रेस… पैंट प्रेस करने के लिए इन दो फट्टों के बीच रखें व फट्टा कस कर बिजली चालू कर दें बस. |
दुबई का होटल अल बुतान रोताना हवाई अड्डे के एकदम बाहर ही समझिये. |
घरों के बाहर खिड़कियों में टंगी टेलिविज़न डिश. सभी तरह के चैनल प्रसारित होते हैं यहां. संयुक्त अरब अमीरात की अधिकारिक भाषा यूं तो अरबी है पर यहां अंग्रेजी, हिन्दी, मलयालम, उर्दू व फ़ारसी भी बोली जाती हैं. नियम क़ायदे कड़े व अमिरातियों के हक़ में हैं. राज परिवार यहां सबसे अमीर है वे मुख्यत: तेल-गैस बेचकर इमारतें बनाते हैं. हरियाली पर भी बहुत ध्यान दिया जाता है. |
यहां भी, भारत की ही तरह, कभी-कभी बिजली की भयंकर कमी रहती है. 27 मई, 2010 को Gulf News के पेज 2 पर छपी शरजाह की यह रिपोर्ट देखिये. यह बात अलग है कि दुबई में एक लीटर पेट्रोल 90 फिल्स (1 दिरहम से भी कम) में मिलता है पर एक लीटर वाली पानी की बोतल दो दिरहम की आती है. यहां मीठे पानी का स्रोत केवल समुद्री पानी को desalinate करना है पर पानी की कमी नहीं मिलती. |
दुबई में एक शापिंग माल – सिटी माल. यहां लगता नहीं कि आप किसी अरब देश में हैं. यहां महिलाएं सामाजिक जीवन में लगभग पूर्णत: स्वतंत्र हैं. विदेशी महिलाएं पश्चिमी परिधानों में आम दिखती है।. |
सिटी माल के अंदर का परिदृष्य. इसी तरह के दूसरे कई माल में भी आपको कई चीज़ें Made in India मिल सकती हैं, हैरान न हों. |
दिल्ली में जहां तापमान 44 डि. से. चल रहा था तो दुबई में 32-34 के बीच था. इसी के चलते कुछ लोग खुली बस में शहर देखने निकले थे. |
दुबई में न्यायालय. घरेलू नौकरों को यहां कोई अधिकार प्राप्त नहीं हैं. अदक्ष व अर्घदक्ष अप्रवासी श्रमिकों की स्थिति भी कोई ख़ास सुखद नहीं है. |
अबू धाबी में समुद्री किनारे को बहुत अच्छे से संवारा गया है. |
दुबई में मेट्रो से उतर कर सड़क पार करने वालों के लिए वातानुकूलित रास्ते बनाए गए हैं. |
और ये मैं हूं. |
CARTOON, SATIRE, HUMOR, POLITICS, COMIC, LITERATURE, CARICATURE, LAMPOON, SKIT, RIDICULE, MOCKERY, SARCASTIC
रविवार, 30 मई 2010
मेरी संयुक्त अरब अमीरात यात्रा
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
अरे वाह!
जवाब देंहटाएंआप ने तो यहाँ का बहुत ही सुन्दर और सटीक विवरण दिया है.
चित्र भी बेहद खूबसूरत हैं और संक्षेप में सभी कुछ यहाँ के बारे में बता दिया!
हाँ, शारजाह में इसी साल बिजली आपूर्ति की ऐसी स्थिति है ..तीन दिन से वहाँ के रहवासी परेशान हैं ..शारजाह अलग राज्य है.
अबू धाबी राज्य के इस क्षेत्र में में पिछले १४ सालों में हमें कभी एक दिन भी ऐसी परेशानी नहीं हुई.
[आप यहाँ आये और खबर भी नहीं की?]
@ अल्पना वर्मा …
जवाब देंहटाएं...इस बार भागमभाग बहुत ज़्यादा थी, अगली यात्रा पर अवश्य सूचित करूंगा...[इंशा अल्लाह :-)]
baDi ghajab ki photoo hai aapki..
जवाब देंहटाएंपुत्र
जवाब देंहटाएंतू नाम रोशन करेगा जानता था
ऎसे ही देश विदेश की सैर करता रह, तुझे बधाई
पापा जी
क्या खूबसूरत तस्वीरें हैं. पोस्ट पढते समय मेरे मन में आया था कि पूछूं, अल्पना जी से मिले या नहीं? लेकिन अब अल्पना जी के कमेंट से जान गई हूं कि...:(. दुबई, अबुधाबी के बारे में अल्पना जी के ब्लॉग पर ही पढती रही हूं, आज यहां आ के चित्र देख के एक बार वहां जाने की इच्छा ज़ोर मारने लगी है. सुन्दर पोस्ट.
जवाब देंहटाएंकुछ अलग तरह की उम्दा प्रस्तुती और मनमोहक तस्वीर जो सच्चाई को दिखा रही है ,धन्यवाद इस रोचक यात्रा विवरण के लिए /
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चित्र ओर विवरण, कई बार दिल हुआ दुबई जाने का, मेरा दोस्त वही एक कम्पनी मै चीफ़ है, उस की बाते सुन कर डर लगता है,इस लिये कभी हिम्मत नही हुयी... इन देशो मै जाने की. धन्यवाद सुंदर चित्रो ओर सुंदर विवरण के लिये
जवाब देंहटाएं"आपने वहाँ के शेखों पर कार्टून क्यों नहीं बनाया...? पोस्ट बेहतरीन थी..."
जवाब देंहटाएंरोचक चित्र व वृत्तान्त ।
जवाब देंहटाएंआपने दुबई को अच्छे से क़ैद किया है ... मुझे भी यहाँ रहते हुवे १० वर्ष बीत गये ... अच्छा बुरा तो हर जगह होता है ... कुछ बुराइयों के साथ यहाँ बहुत सी अच्छाइयाँ भी हैं ... आप हमसे मिल पाते तो बहुत अच्छा लगता ... खैरा अगली बार आएँ तो ज़रूर बताएँ ...
जवाब देंहटाएंएक यही देश देखना रह गया था..चलिए वो भी घूमा दिया आपने..बेहतरीन तस्वीरें
जवाब देंहटाएंबहुत विस्तार से खूबसूरत चित्रों सहित पूर्ण जानकारी दी है आपने ।
जवाब देंहटाएंअच्छा लगा जानकर ।
यहाँ भी विकसित देशों की तरह बाहर लोग नज़र नहीं आ रहे ।
शायद यह सुविधा हिंदुस्तान में ही उपलब्ध है ।
लेकिन आपने यह नहीं बताया कि आप यू ए इ गए क्यों थे ।
काजल भाई ,
जवाब देंहटाएंआप तो लाइव देख कर ,घूम कर आ गये,पर हमारे कम्प्यूटर पर इस यात्रा वृत्तांत की फोटो खुल ही नहीं पाई ! गुज़रे जमाने में देखी गई फोटोज को आपके वृत्तान्त के साथ मिलाकर विजुअलाइज किया :) थोड़ा बहुत अंदाज अल्पना जी और दिगंबर नासवा की टिप्पणियों से हुआ !
ये आपकी ज्यादती है की आप इन दोनों से मिले नहीं , शायद फोन पर भी नहीं !
(: बाकी .......... पापा जी ने आपको शुभकामनाये दे ही दी है :)
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंbahut badhiya tasveeren hai....
जवाब देंहटाएंसुन्दर चित्रों के साथ बढ़िया यात्रा वृतांत
जवाब देंहटाएंबल्ले जी तुसीं उट्ठे किह्दे कार्टून बनाने सी .....???
जवाब देंहटाएंshandar tasveerein aur vivran bhi,
जवाब देंहटाएंso ummeed karein ki aapne vaha jo bhi dekha us par lagatar ab cartoon aayenge?
बहुत खूब.. दुबई का बड़ा सजीव चित्रण कर दिया..आबू धाबी की तरह दुबई में भी बिजली कभी नहीं जाती...हम रियाद से दो दिन बाद दुबई पहुँचेगे...(अगली बार यहाँ रहने वालों से मिल कर जाइएगा..)
जवाब देंहटाएंबिलकुल अरबी शेख लग रहे हैं -तभी कार्टून गायब हैं !
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया वृतांत व फोटो हैं।
जवाब देंहटाएंघुघूती बासूती
आईये, मन की शांति का उपाय धारण करें!
जवाब देंहटाएंआचार्य जी
क्रोध पर नियंत्रण स्वभाविक व्यवहार से ही संभव है जो साधना से कम नहीं है।
जवाब देंहटाएंआइये क्रोध को शांत करने का उपाय अपनायें !
पूरी जानकारी दे दी आपने यहाँ के बारे में....
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लगा...
shabd nahi h. kuch kahane k liye
जवाब देंहटाएंbus mai to dekhti hi rah gai. kaya kahu
mere liye to ye sub sapne jaisa laga
जवाब देंहटाएंmere liye to ye sub sapne jaisa laga
जवाब देंहटाएं