शनिवार, 22 मई 2010

कार्टून:- संगीत सिर में गूमड़ दे सकता है, सावधान.


14 टिप्‍पणियां:

  1. ऐसे संगीतकारों से तो बचके रहना भई !!

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  2. सच्ची में ये तो बहुत सावधान होने ही ज़रूरत है..मजेदार काजल जी धन्यवाद

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  3. ... ऎसा ब्लागिंग में भी संभव है !!!

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  4. सच्चा कलाकार हिंसक नहीं हो सकता है ,वह किसी भी वाद-विवाद को कानूनी ढंग से ही सुलझाएगा ,लेकिन दुर्भाग्य की आज नकली कलाकार ज्यादा हो गए हैं /
    दिल्ली में पूरे देश के ब्लोगर सभा का आयोजन कल दिनांक -23 /05 /2010 को नागलोई मेट्रो स्टेशन के पास जाट धर्मशाला में किया जा रहा है / आप सब से हमारा आग्रह है की आपलोग अविनाश जी के संपर्क में रहिये और उनकी हार्दिक सहायता हर प्रकार से कीजिये / अविनाश जी का मोबाइल नंबर है -09868166586 -एक बार फिर आग्रह आप लोग जरूर आये और एकजुट हों क्योंकि एकजुट होकर ही इंसानियत को बचाया जा सकता है /
    अंत में जय ब्लोगिंग मिडिया और जय सत्य व न्याय
    आपका अपना -जय कुमार झा ,09810752301 ,

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  5. ज़ाहिर है , बड़ा सोलिड होता है ।

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  6. बाबू मोशाय आपनार उच्चारण ठीक नाई तो...रोबिन्द्रो सोंगीत बोलने का...एक ठो गुमर तोमाके खोपड़ी भितोरे बनाय देबो....

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  7. ये संगीतकार कौन से घराने से सम्बंध रखते हैं...:-)

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  8. बच के बाबा कल ब्लांगरो का भी यह हाल हो सकता है

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  9. बिल्कुल कसा लगता है। ढीला कहां? नाशपाती जैसा होता है। मैने तो खाया है! :)

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  10. बहुत बढ़िया♥
    काश कवियों का भी कुछ इलाज बताते!

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  11. आज ही कहीं पढ़ रहा था खुशवंत सिंह का कालम जिसमें उन्होंने टैगोर को अपना आदर्श बताते हुए कहा कि वे किस तरह से हवाई अड्डे पर पिटते पिटते बचे ! किसी सभा में किसी अन्य बांग्ला कवि के शब्द शिल्प को ठाकुर से बेहतर कह बैठे थे :)

    संगीतकार तो कवि की तुलना में वैसे भी 'वेल इक्विप्ड' होता है :)

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