शनिवार, 29 मई 2010

कार्टून:- राग वही जो नेता मन भाए...


16 टिप्‍पणियां:

  1. Koyi kuchh nahi bigad payega..balki, unki pooja kee jayegi!

    जवाब देंहटाएं
  2. बिलकुल सही बात ,सुरक्षा चाहिए तो भ्रष्टाचारियों के गुंडा टोली में शामिल हो जाओ ,लेकिन इनकी शामत तब आती है जब किसी देशभक्त IPS के देश भक्ति का त्रिनेत्र जगता है |

    जवाब देंहटाएं
  3. सही कहा, पक्की आजमायी हुयी ट्रिक है।

    जवाब देंहटाएं
  4. काजल भाई
    आया तो था टिप्पणी करने पर शताब्दी का सबसे बडा चुटकला पढकर जा रहा हूं ..." नौकरशाहों की देशभक्ति का त्रिनेत्र " इस फिल्मी चिन्तन नें आपके चित्र के पुलिस वाले के बारे मे ढंग से सोचने भी ना दिया ! क्या कोई मित्र अतिवाद से जूझने के दौरान शहीद साधारण पुलिस वालों और बडे अफसरों की संख्या के तुलनात्मक आंकडे देना चाहेगा ?

    जवाब देंहटाएं
  5. और हाँ कौडी कौडी को भटकते शहीदों के परिजनों का क्या ? बन्दे को 'एक नायक' चाहिये ? आक...!
    काजल भाई टिप्पणी में तुर्शी के लिये खेद व्यक्त करता हूं ! मै जानता हूं कि राजनेताओं ने त्रिनेत्र धारी अफसरों के साथ मिलकर , देश का किस कदर कबाडा किया है ! आपका व्यंग चित्र सही सन्देश दे पाया है ! आभार !

    जवाब देंहटाएं
  6. इन अफसरों को शर्म नहीं आती... जब तक अफसर नहीं बनते हैं सब दिखाई देता है और कुर्सी पाते ही आंखें मुंद जाती हैं...

    जवाब देंहटाएं
  7. सही चोट की है .
    कब खुलेंगी इनकी आँखें?

    जवाब देंहटाएं

LinkWithin

Blog Widget by LinkWithin