शनिवार, 17 मार्च 2012

कार्टून - भागो रे बजट आया



26 टिप्‍पणियां:

  1. समझ तो मुझे भी नहीं आया लेकिन महसूस कर रहा हूँ कि किसी ने मेरी जेब काट ली है :))

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  2. :) किसी की समझ मे आ भी नहीं सकता

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  3. बजट भी कोई समझ में आने वाले चीज़ है ?:):)

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  4. बहुत बढ़िया कार्टून!
    इस कार्टून की चर्चा कल रविवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
    सूचनार्थ!

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  5. भागकर जायेंगे कहाँ !
    अब तो जेब खाली करनी ही पड़ेगी ।

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  6. हा हा मेरी तस्वीर लगाऐं हैं क्या काजल बाबू, मुझे भी एक दिन बाद ही समझ आया..

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  7. पिछले सात सालो से मुझे तो अभी तक समझ नहीं आया ???

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  8. बहुत खूब! हमें तो अभी भी समझ नहीं आया...

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  9. इसका मतलब आम जनता इस बार सरकार के इरादे बहुत जलदी समझ गई है।

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  10. इसका मतलब आम जनता इस बार सरकार के इरादे बहुत जल्दी समझ गई है।
    वरना पांच साल लग जाते हैं।

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  11. बजट के दिनों में हम तो आशावादी हो जाते हैं, और बजट के बाद ये सोचकर खुद को और दूसरों को दिलासा देते हैं कि ये भी न देते तो तो वित्तमंत्री का क्या बिगाड़ लेते?

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  12. आ जायेगा अच्छी तरह से समझ में आखिर समझना तो जनता को ही है, उन्हें तो सिर्फ पेश करना है... :)

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  13. अजी कायका बजट .सरकारें मूलतय :बे -इमान होतीं हैं .आम आदमी की जेब में ही इनका हाथ होता है .पूरे साल बीच बीच में भी दाम बढ़ातें हैं .सब्जबाग दिखातें हैं .वित्त मंत्री यूफोरिया में रहता है साल दर साल .

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  14. यह खूब कही ...
    शुभकामनायें आपको !

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