शनिवार, 3 सितंबर 2011

कार्टून:- मैदान में गधे घुस गए


13 टिप्‍पणियां:

  1. हाँ, भाई मैदान में गधे तो होते ही हैं.:)

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  2. कोई गैर कहे तो गुस्सा आना लाज़िमी है भाई ।

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  3. सच कड़ुवा होता है वाली कहावत ऐसे ही तो नहीं है :)

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  4. मुला काबुल में भी सभी घोड़े ही थोड़े होते हैं !

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  5. आपकी इस उत्कृष्ट कार्टून की चर्चा कल रविवार के चर्चा मंच पर भी की लगाई है!
    यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।

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  6. गधों को गधा कहने पर बुरा नहीं लगेगा क्या ?

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  7. अब आपको क्या कहें आप तो आप ही हैं ।

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  8. सच ही तो है...खेल चल रहा है बाहर बैठे गधे माइक पर रेंक रहे हैं :)

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  9. ये दिखाने के लिये कि एकदम से गधे नहीं हैं:)

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  10. गधे कहने वाला खुदे गधा है. उसे इज्जत सहित रामप्यारे कहना था.:)

    रामराम

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  11. गधों को गधा नहीं कहना चाहिए काजल भाई !
    :-)

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