रविवार, 26 जून 2011

कार्टून :- यह आप्शन ब्लॉगर भी ट्राइ कर सकते हैं...


32 टिप्‍पणियां:

  1. हम ब्लागर ही भले
    झोली में कंप्यूटर लटकाए चले :)

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  2. ना जी ना, जब तक कांग्रेसी है तब तक ना

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  3. हैं न पहले से ही, एक तो हमारे दीपक बाबा ही हैं..

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  4. बाबाओं के खजाने को देख कर लगता है 'बाबा' संबोधन का अर्थ /पर्याय बदलना पड़ेगा .

    [वैसे 'ब्लोगर बनने चले बाबा!' :)
    यह एक नेक ख्याल है, कोचिंग शुरू कर दी जाए!

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  5. अरे भई कभी तो किसी चीज़ को पाजिटिव ले लो.
    कुछ न करने से तो अच्छा है कुछ तो कर रहा है
    हा .. हा ..हा

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  6. यह आप्शन ट्राइ कर तो लूं....लेकिन बाबाओं का हाल देख कर भय लगता है....

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  7. बाबा या ब्लागर ? हम तो ब्लागर ही भले.

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  8. सारगर्भित एवं प्रेरक रचना के लिए आभार।

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  9. उन्हें अनशन भी करना पड़ता है और फिर कैसे कैसे वस्त्र धारण करना पड़ते हैं यह जानते हुए भी ब्लागरों को ऐसी शुभकामनायें :)

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  10. वाकई आजकल तो बाबागिरी से बेहतर कोई दूसरा केरियर कहाँ !!

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  11. गौर करने लायक बात है काजल भाई ! !
    शुभकामनायें आपको !

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  12. दोनों काम इकट्ठे भी तो हो सकते हैं।

    ब्लॉगर बाबा

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  13. पहले भेद खुला होता तो बाबे ही बनते\

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  14. hahahahahahahaha,naya option wo bhi success ki 100%gaurantee ke sath.

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  15. भैया जी , अपना तो टांका ही नहीं भिड़ रहा । आपका कार्टून खुलता ही नहीं ।

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  16. हा हा हा ! कमाल हो गया । यह ऑप्शन घर के कंप्यूटर पर दिखाई नहीं दे रहा ।

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  17. छुपी हुई मार है आदमी पिट भी जाए उसे खबर भी न हो .

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  18. तो सीट भी सोने की मिलती है इस व्यवसाय में .बेहतरीन काजल भाई .

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