शनिवार, 20 नवंबर 2010

कार्टून :- गले में गुलुबंद, राजा कहां चले थे...


20 टिप्‍पणियां:

  1. रास्ता भूल गये लो मुश्किल हो गई..बढ़िया पोस्ट

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  2. हमारे कुछ साथी बहुत खुश हो रहे थे, हमने पहले ही कहा कि मुलम्मा उतर जायेगा जिस पर उन्होंने क्या क्या न कहा... पता चल गया आखिर..

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  3. गले में गुलुबंद , पर इज्ज़त तो फिर भी अपनी ही लुटा के आएँगे भाईलोग ....

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  4. बस तो सच में फुस्स हो गई। पर ऐसा हुआ क्यों आखिर? घर के शेर बाहर ढेर क्यों हो गए?

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  5. भविष्य में सरकारी टायर न रहने से हालत सुधरेंगे.

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  6. कामनवेल्थ खेलों के वक़्त ही हमें ये अंदाज़ था :)

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  7. नही, मै कहुंगा कि बहुत अच्छा प्रोफ़ोर्म किया हमारे खिलाडियो ने , क्योंकि जिस तरह की सुविधाये ये हरामखोर भरष्ट सर्कार मे बैठे नेता , क्रिकेट को छोड अन्य खिलाडियों को मुहैया कराते है, उन्होने बहुत सही प्रोफ़ोर्म किया !

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  8. हाहा.. ये भ्रष्टाचार की बस है या भ्रष्टाचारियों की?

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  9. काजल जी शायद आपने ये कार्टून बनाने में और हम सब ने टिप्पणी करने में जल्दबाजी कर दी।

    हमारे खिलाड़ियों ने एशियाड का अब तक का रिकार्ड तोड़ दिया। इसे फ़ुस्स होना तो नही कहा जा सकता।

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