रविवार, 11 अप्रैल 2010

मेरी दक्षिण-कोरिया यात्रा –काजल कुमार

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सियोल का अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा काफी सुंदर है.

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हवाई अड्डे से जाते हुए रास्ते में एक सुंदर सुंरग.

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दुकान पर यह चिन्ह कुछ पहचाना सा लगा.

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यहां के शापिंग-माल रात 11-12 बजे तक खुले रहते हैं.

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सियोल में ह्युंडई की नई i-30 कार भी दिखी.

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विदेश में राष्ट्रीय ध्वज देखना बहुत सुहाता है.

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सैमसंग मुख्यालय के सामने की एक इमारत.

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ह्युंडई की हाइड्रोज़न चालित एक कंसेप्ट कार.

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संग्राहलय में रखा एक ऐतिहासिक राजमुकुट.

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जापानियों द्वारा लूटा गया प्रस्तरस्तूप अमरीका ने लौटाया.

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एक भारतीय रेस्टोरेंट. सियोल में करीब 50 भारतीय रेस्टोरेंट हैं. यद्यपि भारतीय 4500 ही होंगे. कोरियाई भारतीय खाना भी पसंद करते हैं जबकि उनका परंपरागत खाना “किमची” है जो उबली सब्ज़ियों से बनता है. कोरिया में भारतीयों को आदर से देखा जाता है.

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सियोल शहर मे एक ऐतिहासिक द्वार.

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गियोंगजू में बक्चियों नदी के किनारे होटल से दृश्य.

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सियोल से दूर गियोंगजू में होटल हिल्टन.

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एक पुलिस स्टेशन. कोरिया में अपराध-दर
बहुत
कम है.

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कोरिया खुली सड़को के लिए भी जाना जाता है.

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एक बौद्ध विहार के द्वार पर प्रहरी की मूर्ति.

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पहचान के लिए पर्यटक-गाइड झंडे लिए रहते हैं.

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डोंगडेजू से हमने सियोल के लिए रेलगाड़ी ली.

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KTX रेलगाड़ी की गति 300 कि.मी. प्रति घंटा  है.

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ढंड से बचने के लिए होटल गार्ड का शीशमहल.

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उत्तर कोरिया से पहले, दक्षिण कोरिया का अंतिम रेलवे स्टेशन.

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दक्षिण कोरिया सीमा से उत्तर कोरिया का दृश्य.

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उत्तर कोरिया के सुंरग खोदने की ख़बरें आती रहती हैं. एक प्रतिकृति.

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सियोल के किले में प्रहरियों का प्रदर्शन.

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लोककथा आधारित प्रस्तुति के नाट्य कलाकार.

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ये मोटर साईकिल खाते-पीते घर के लगते हैं न.






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जहाज में शाकाहारी खाने की गत यूं बनी.

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जहाज़ में सोने का समय है.

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दक्षिण कोरिया की एक नन्ही बाल कलाकार.

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और ये मैं हूं.

22 टिप्‍पणियां:

  1. यात्रा के बारे में विस्तार से बताईये, क्यों गये, कैसे गये, जिस उद्देश्य से गये वह पूरा हुआ . और कुछ मजेदार प्रसंग भी. फोटो बहुत अच्छे हैं.

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  2. शानदार चित्र। पर केवल प्रहरी की मूर्ति है जो कार्टून के करीब लगती है! :)

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  3. चित्र सुंदर हैं, और अंतिम चित्र में आप भी बहुत सुंदर लग रहे हैं। चिरपरिचित चेहरे से अलग।

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  4. वाह मंत्रमुग्ध कर देने वाले चित्र हैं. लगता है आप तो दोनो कोरियाओं की यात्रा कर आये हैं.

    आपके कैमरे की नजर से देखना काफ़ी सुखद लगा.

    और माशाअल्लाह आप तो पिछले फ़ोटो से कुछ ज्यादा ही जवान नजर आ रहे हैं? क्या कोरिया का असर है? कुछ जिनसेंग की बूटी तो नही मिल गई वहां पर?:) बहुत शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  5. बहुत सुन्दर चित्र! कोरियन और जापानियों का भारत के प्रति बहुत प्रेम है, वहीं दूसरी ओर चीन अपने नागरिकों को भारत विरोधी घुट्टी पिलाता रहता है.

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  6. सभी चित्र बेहद खूबसूरत लगे.
    कोरिया का राज मुकुट सबसे सुंदर लगा और
    ह्युंडई की हाइड्रोज़न चालित एक कंसेप्ट कार का चित्र भी.
    आभार इन सभी चित्रों का जिनसे हमें भी उस देश की झलक मिल सकी.

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  7. ..... सुन्दर ...अतिसुन्दर ...बेहद प्रसंशनीय प्रस्तुति!!!

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  8. वाह वाह वाह वाह... हर चित्र के बाद वाह!

    और आप तो खुब जम रहे हो...

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  9. दिनेश जी सही कह रहे हैं ..आपका चेहरा जरा अलग लग रहा है ..वैसे चित्र सुन्दर हैं. :-)

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  10. भारत के राष्ट्रीय चिह्न का उपयोग ZENRICO द्वारा ! सम्भवत: बौद्ध धर्म से जुड़ाव कारण हो। लेकिन क्या किसी देश के राष्ट्रीय चिह्न का व्यवसायिक उपयोग उचित है?

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  11. अच्छा लगा तस्वीरों को देखकर.

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  12. अच्छा अब बात समझ आई कि आज कल आपके कार्टून क्यों नहीं आ रहे थे...
    सभी चित्र बहुत सुन्दर...
    आपका आभार ..

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  13. @ भारतीय नागरिक - Indian Citizen
    भाई क्यों का क्या जवाब दूं :) अलबत्ता यात्रा बल्ले-बल्ले रही सब-कुछ सुखद व अविस्मृरणीय.

    @ ज्ञान जी,
    आपसे सहमत हूं कि यह पोस्ट ब्लागशीर्षक से मेल नहीं खाती...बस यूं ज़ायका बदलने के लिए ही :)

    @ दिनेश जी, ताऊ जी, संजय जी व लवली जी आपका सादर आभार.

    @ गिरिजेश राव जी
    शायद यह वैश्विक धरोहर का परिचायक है.

    @ शेखावत जी, निशांत जी, सुमन जी, अल्पना जी, उदय जी व समीर जी आप सभी का भी विनम्र आभार.

    @ संतोष जी आपका अनुमान एकदम सही है :)

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  14. फिलहाल तो आपसे ईर्ष्या हो रही है :)

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  15. बहुत सुन्दर चित्र लिए हैं पूरा लिखे तो और भी अच्छा लगेगा .अभी कुछ दिन पहले अलोक मेहता की किताब पढ़ी थी यही की यात्रा के विषय में ,पढ़ कर ही वहां घुमने की इच्छा हो आई थी ..:)

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  16. वाह जी वाह अच्छी सैर करवा दी आपने मुफ्त में ही.अच्छा लगा और जानकारी भी मिल गयी
    आभार

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  17. सुन्दर चित्र ...और ये भी पता चला कि आप मुस्कुराते हुए बहुत अच्छे दिखते हैं.......

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