बुधवार, 1 अप्रैल 2009

ओह..मैं तो सुबह सुबह ही अप्रेल फूल बन गया..


सुबह सुबह http://tips-hindi.blogspot.com/ की पोस्ट देखी "विज्ञापन लगाइए, हिन्दी चिट्ठे से 5000 रुपए महीना कमाइए"..मुंह में लार टपक आई. और झट पट क्लिक्क किया... पर ये क्या...मैं तो अप्रेल फूल बन गया. लेकिन मुझे ये जान कर और भी ख़ुशी हुई कि मेरा नंबर ३११ है यानि मुझसे पहले ३१० दूसरे मूर्ख बन चुके थे और मेरी तरह चुपचाप अपने ज़ख्म सहला रहे थे और शुक्र मना रहे थे कि उन्हें किसी ने नहीं देखा...पर मुझे खंडेलवाल जी ने बताया है की आज शाम को वे उन सबकी लिस्ट भी प्रकाशित करने वाले हैं जिस किसी ने भी उनकी साईट पर हिट किया है...इसलिए मैं तो पकड़े जाने से पहले ही अपनी मूर्खता स्वीकार करता हूँ...-:)

कार्टून - लो आज से हम पड़ोसी हुए

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