CARTOON, SATIRE, HUMOR, POLITICS, COMIC, LITERATURE, CARICATURE, LAMPOON, SKIT, RIDICULE, MOCKERY, SARCASTIC
ये भी ठीक है :)
...पर वे अपनी व्यथा सरदार से क्यों कह रहे हैं :)
इस पर अगले कार्टून में प्रकाश डालें काजल भाई :))
Son is intelligent.
व्यथा ऐसे को सुनाओ जिसके पल्ले ही ना पड़े ! मौन सिंह को व्य्थासुनाकर देशवासियों को क्या मिला उस पर रति भर फर्क पडा ? :) :)
बात में दम है :)
वे अपनी व्यथा सरदार से नहीं बल्कि असरदार जसपालसिंह भट्टी से कह रहे हैं।
राजेश जी ,बेल्ट के ऊपर झलकती / उमड़ती / घुमड़ती तोंद और पाकेट में धंसे हुए हाथ देख कर अपनी हिम्मत नहीं हुई कि उसे जसपाल कहें !
donon tarh se theek hai ...
हाँ आजकल हालात बदल गए हैं .पहले जो कुछ नहीं बन पाता था टीचर बन जाता था .अब थोड़ा ज्ञान की भी ज़रुरत पड़ती है .अपने राहुल बाबा टीचर नहीं बन सकते .अब इतिहास के साथ देश के भूगोल की भी ,भू -मंडल की भी जानकारी चाहिए टीचर बनने को .बढ़िया लाए हो लाज़वाब करने वाला तर्क और तंज दोनों .बधाई .
पटवारी बना दे , ऐश करेगा.
:-) बात तो सही है जी....
बात तो बेटा ही ठीक कह रहा है ...:)
बच्चा समझदार है ...:)
बात सच है...गुरु करते तो बड़ा काम हैं लेकिन ...
कहीं बैठे हुए सज्जन सरदारजी से यह तो नहीं फरमा रहे कि:"पढ़े बिन ही तू बन गया है नवाब,है पढ़ के भी मेरा तो खाना ख़राब."
काजल कुमार जी एक कार्टून बनाने का कष्ट करियेगा जिसमे आप दर्शायें की बड़े अधिकारी और तथा कथित नेता अभिनेता की अवहेलना के कारन शासकीय शाला में शिक्षा प्रभावित है वो जानबूझकर निजी शाला में अपने बच्चों को पढ़ाते हैं .आभार.
बड़ी पेचीदा मामला है यह तो।
होनहार है। पढ़ाई छुड़ा कर राजनीति में भरती करा दो!
Master to ban hi wo rahe jinhe kahn naukri nahi mil rahi h good :-)
ये भी ठीक है :)
जवाब देंहटाएं...पर वे अपनी व्यथा सरदार से क्यों कह रहे हैं :)
जवाब देंहटाएंइस पर अगले कार्टून में प्रकाश डालें काजल भाई :))
हटाएंSon is intelligent.
जवाब देंहटाएंव्यथा ऐसे को सुनाओ जिसके पल्ले ही ना पड़े ! मौन सिंह को व्य्थासुनाकर देशवासियों को क्या मिला उस पर रति भर फर्क पडा ? :) :)
जवाब देंहटाएंबात में दम है :)
जवाब देंहटाएंवे अपनी व्यथा सरदार से नहीं बल्कि असरदार जसपालसिंह भट्टी से कह रहे हैं।
जवाब देंहटाएंराजेश जी ,
हटाएंबेल्ट के ऊपर झलकती / उमड़ती / घुमड़ती तोंद और पाकेट में धंसे हुए हाथ देख कर अपनी हिम्मत नहीं हुई कि उसे जसपाल कहें !
donon tarh se theek hai ...
जवाब देंहटाएंहाँ आजकल हालात बदल गए हैं .पहले जो कुछ नहीं बन पाता था टीचर बन जाता था .अब थोड़ा ज्ञान की भी ज़रुरत पड़ती है .अपने राहुल बाबा टीचर नहीं
जवाब देंहटाएंबन सकते .अब इतिहास के साथ देश के भूगोल की भी ,भू -मंडल की भी जानकारी चाहिए टीचर बनने को .बढ़िया लाए हो लाज़वाब करने वाला तर्क और
तंज दोनों .बधाई .
पटवारी बना दे , ऐश करेगा.
जवाब देंहटाएं:-) बात तो सही है जी....
जवाब देंहटाएंबात तो बेटा ही ठीक कह रहा है ...
जवाब देंहटाएं:)
बच्चा समझदार है ...:)
जवाब देंहटाएंबात सच है...गुरु करते तो बड़ा काम हैं लेकिन ...
जवाब देंहटाएंकहीं बैठे हुए सज्जन सरदारजी से यह तो नहीं फरमा रहे कि:
जवाब देंहटाएं"पढ़े बिन ही तू बन गया है नवाब,
है पढ़ के भी मेरा तो खाना ख़राब."
काजल कुमार जी एक कार्टून बनाने का कष्ट करियेगा जिसमे आप दर्शायें की बड़े अधिकारी और तथा कथित नेता अभिनेता की अवहेलना के कारन शासकीय शाला में शिक्षा प्रभावित है वो जानबूझकर निजी शाला में अपने बच्चों को पढ़ाते हैं .आभार.
जवाब देंहटाएंबड़ी पेचीदा मामला है यह तो।
जवाब देंहटाएंहोनहार है। पढ़ाई छुड़ा कर राजनीति में भरती करा दो!
जवाब देंहटाएंMaster to ban hi wo rahe jinhe kahn naukri nahi mil rahi h good :-)
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