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आपका कहा ही शायद उन्हें समझ आ जाये.
बिल्कुल सही कहा ।
शायद गूगल वालों को अभी तक हिन्दीभाषियों और हिन्दी भाषा को प्रेम करने वालों की सही तादाद पता नहीं है।
अच्छे सोच की प्रस्तुति।सादर श्यामल सुमन 09955373288 www.manoramsuman.blogspot.comshyamalsuman@gmail.com
जै हो!
चांटा नहींजोरदारघूंसा है
सच्ची बात उन्हें पता ही कहाँ है ? शायद वे यह कार्टून देख लें !
जोरदार है.
अच्छा हुआ बता दिया।शायद अब अकल आ जाये।
कोई फायदा नहीं. कम्पनियाँ हिन्दी विज्ञापन गूगल को देगी तभी कल्याण होगा.
अगर ये कार्टून उनकी निगाह चढ गया तो शायद उन्हे कुछ समझ आ जाए........
अगर आ भी जाये तो मुझे तो कोई फायदा होता नहीं दिखाता... जब तक हम विज्ञापन देख वहां से कुछ खरिदना शुरु न करें.. इ बिजनस नहीं बढे़ तब तक विज्ञापन देने का क्या फायदा.. ब्लोग के पाठन में बढोतरी हो और इबिजनस में तब ही ब्लोग कुछ कमा कर देगा...
बहुत लाजवाब सोच है. देखें "वो सुबह कभी तो आयेगी"?:)रामराम.
बिल्कुल सही जगह लगा होगा चांटा :-)
बस आवाज पहुँच जाए।
:) बहुत सही कहा!
उन्हे समझ तो होगी, लेकिन उन्हे हमारे जुगाड का भी पता होगा, कि तु मुझे टिप टिपा मै तेरी एड टिप टिपाटा हुंबहुत् सुंदर मुझे शिकायत है पराया देश छोटी छोटी बातें नन्हे मुन्हे
मुझे नहीं लगता कि गूगल मूर्ख है। हिन्दी का विकास खास लगता नहीं।
Beshak...बेशक
aapka kartoon zindabaad !-----------------zindabaad !-----------------zindabaad !
आपका कहा ही शायद उन्हें समझ आ जाये.
जवाब देंहटाएंबिल्कुल सही कहा ।
जवाब देंहटाएंशायद गूगल वालों को अभी तक हिन्दीभाषियों और हिन्दी भाषा को प्रेम करने वालों की सही तादाद पता नहीं है।
जवाब देंहटाएंअच्छे सोच की प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
जै हो!
जवाब देंहटाएंचांटा नहीं
जवाब देंहटाएंजोरदार
घूंसा है
सच्ची बात उन्हें पता ही कहाँ है ?
जवाब देंहटाएंशायद वे यह कार्टून देख लें !
जोरदार है.
जवाब देंहटाएंअच्छा हुआ बता दिया।शायद अब अकल आ जाये।
जवाब देंहटाएंकोई फायदा नहीं. कम्पनियाँ हिन्दी विज्ञापन गूगल को देगी तभी कल्याण होगा.
जवाब देंहटाएंअगर ये कार्टून उनकी निगाह चढ गया तो शायद उन्हे कुछ समझ आ जाए........
जवाब देंहटाएंअगर आ भी जाये तो मुझे तो कोई फायदा होता नहीं दिखाता... जब तक हम विज्ञापन देख वहां से कुछ खरिदना शुरु न करें.. इ बिजनस नहीं बढे़ तब तक विज्ञापन देने का क्या फायदा.. ब्लोग के पाठन में बढोतरी हो और इबिजनस में तब ही ब्लोग कुछ कमा कर देगा...
जवाब देंहटाएंबहुत लाजवाब सोच है. देखें "वो सुबह कभी तो आयेगी"?:)
जवाब देंहटाएंरामराम.
बिल्कुल सही जगह लगा होगा चांटा :-)
जवाब देंहटाएंबस आवाज पहुँच जाए।
जवाब देंहटाएं:) बहुत सही कहा!
जवाब देंहटाएंउन्हे समझ तो होगी, लेकिन उन्हे हमारे जुगाड का भी पता होगा, कि तु मुझे टिप टिपा मै तेरी एड टिप टिपाटा हुं
जवाब देंहटाएंबहुत् सुंदर
मुझे शिकायत है
पराया देश
छोटी छोटी बातें
नन्हे मुन्हे
मुझे नहीं लगता कि गूगल मूर्ख है।
जवाब देंहटाएंहिन्दी का विकास खास लगता नहीं।
Beshak...बेशक
जवाब देंहटाएंaapka kartoon zindabaad !
जवाब देंहटाएं-----------------zindabaad !
-----------------zindabaad !