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कालेज मे अपने जुनियर माधव को भी मैने इसी बात पर डांटा था कि और कहा था कि या लड्कियो को दीदी कह या हमे भैया,सारी रिश्तेदारी मे गड़बड़ मत कर्।मज़ेदार्।
अब ऐसा घालमेल करेगी तो कौन रखेगा नौकरी पर.:)रामराम.
कर लो बात...जरा भी अक्कल नहीं थी. :)
अच्छा लगा।सादर श्यामल सुमन 09955373288 www.manoramsuman.blogspot.comshyamalsuman@
भाई साहेब कार्टून तो अच्छा बन पड़ाबहिनजी के मूंछ कहाँ से आ गयी
Sahi Hai!!!
@ manoj sharma भाई, मैंने बनाया तो मुँह ही था, पर पता नहीं ये अपलोड होते-होते मूंछों में कैसे बदल गया :-)
बड़ी बारीक़ निगाह और कान हैं!बहुत खूब!बहन जी की मूछें वाकई मजेदार लग रही हैं..Manoj ji ki टिप्पणी न पढ़ती तो समझती आप ने कार्टून में बनायी हैं!
मान गए आपकी परखी नजर और कार्टून दोनों को :)
:-)
मूंछ नहीं हैं, आँखों की पुतलियाँ लटक गईं हैं.....क्यों ठीक कहा न काजल भाई. बहरहाल बढ़िया कार्टून...ऐसा घालमेल अक्सर देखने को मिल जाता है पर हम कभी गौर नहीं कर पाए....
कालेज मे अपने जुनियर माधव को भी मैने इसी बात पर डांटा था कि और कहा था कि या लड्कियो को दीदी कह या हमे भैया,सारी रिश्तेदारी मे गड़बड़ मत कर्।मज़ेदार्।
जवाब देंहटाएंअब ऐसा घालमेल करेगी तो कौन रखेगा नौकरी पर.:)
जवाब देंहटाएंरामराम.
कर लो बात...जरा भी अक्कल नहीं थी. :)
जवाब देंहटाएंअच्छा लगा।
जवाब देंहटाएंसादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@
भाई साहेब कार्टून तो अच्छा बन पड़ा
जवाब देंहटाएंबहिनजी के मूंछ कहाँ से आ गयी
Sahi Hai!!!
जवाब देंहटाएं@ manoj sharma
जवाब देंहटाएंभाई, मैंने बनाया तो मुँह ही था, पर पता नहीं ये अपलोड होते-होते मूंछों में कैसे बदल गया :-)
बड़ी बारीक़ निगाह और कान हैं!बहुत खूब!
जवाब देंहटाएंबहन जी की मूछें वाकई मजेदार लग रही हैं..Manoj ji ki टिप्पणी न पढ़ती तो समझती आप ने कार्टून में बनायी हैं!
मान गए आपकी परखी नजर और कार्टून दोनों को :)
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जवाब देंहटाएंमूंछ नहीं हैं, आँखों की पुतलियाँ लटक गईं हैं.....क्यों ठीक कहा न काजल भाई. बहरहाल बढ़िया कार्टून...ऐसा घालमेल अक्सर देखने को मिल जाता है पर हम कभी गौर नहीं कर पाए....
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