बहुत सुन्दर प्रस्तुति! आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (06-01-2013) के चर्चा मंच-1116 (जनवरी की ठण्ड) पर भी होगी! -- कभी-कभी मैं सोचता हूँ कि चर्चा में स्थान पाने वाले ब्लॉगर्स को मैं सूचना क्यों भेजता हूँ कि उनकी प्रविष्टि की चर्चा चर्चा मंच पर है। लेकिन तभी अन्तर्मन से आवाज आती है कि मैं जो कुछ कर रहा हूँ वह सही कर रहा हूँ। क्योंकि इसका एक कारण तो यह है कि इससे लिंक सत्यापित हो जाते हैं और दूसरा कारण यह है कि किसी पत्रिका या साइट पर यदि किसी का लिंक लिया जाता है उसको सूचित करना व्यवस्थापक का कर्तव्य होता है। सादर...! नववर्ष की मंगलकामनाओं के साथ- सूचनार्थ! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
डाक्टर: "है मेरे पास ही पुस्तक लिखी हुई तैयार, जो आप करदे विमोचन तो मानूंगा आभार" बड़ा साहित्यकार: "लिखा है उसमे क्या ये तो बताईये सरकार, मैं आप ही को दिखाने को आऊंगा हर बार."
डाक्टर: "लिखे है उसमे विमोचन के एक सौ उदगार, जो आप चाहते है 'मोचन' तो फीस एक हज़ार." http://aatm-manthan.com
लाइलाज है।
जवाब देंहटाएंसही है।
जवाब देंहटाएंएक शब्द की नींदवाली गोली ..... दिन में 5 बार
जवाब देंहटाएंHmmmm.:)
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (06-01-2013) के चर्चा मंच-1116 (जनवरी की ठण्ड) पर भी होगी!
--
कभी-कभी मैं सोचता हूँ कि चर्चा में स्थान पाने वाले ब्लॉगर्स को मैं सूचना क्यों भेजता हूँ कि उनकी प्रविष्टि की चर्चा चर्चा मंच पर है। लेकिन तभी अन्तर्मन से आवाज आती है कि मैं जो कुछ कर रहा हूँ वह सही कर रहा हूँ। क्योंकि इसका एक कारण तो यह है कि इससे लिंक सत्यापित हो जाते हैं और दूसरा कारण यह है कि किसी पत्रिका या साइट पर यदि किसी का लिंक लिया जाता है उसको सूचित करना व्यवस्थापक का कर्तव्य होता है।
सादर...!
नववर्ष की मंगलकामनाओं के साथ-
सूचनार्थ!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
गम्भीर समस्या,धन्यबाद।
जवाब देंहटाएंसाहित्यकार जो हैं
जवाब देंहटाएंइस डिप्रेशन इलाज़ बहुत जरुरी है... :)
जवाब देंहटाएंक्या बात है ...बढिया है जी :)
जवाब देंहटाएं:))kya baat hai!
जवाब देंहटाएंsahi hai !
डाक्टर: "है मेरे पास ही पुस्तक लिखी हुई तैयार,
जवाब देंहटाएंजो आप करदे विमोचन तो मानूंगा आभार"
बड़ा साहित्यकार: "लिखा है उसमे क्या ये तो बताईये सरकार,
मैं आप ही को दिखाने को आऊंगा हर बार."
डाक्टर: "लिखे है उसमे विमोचन के एक सौ उदगार,
जो आप चाहते है 'मोचन' तो फीस एक हज़ार."
http://aatm-manthan.com
:)
हटाएंइसका कोई इलाज नहीं है
जवाब देंहटाएंबहुत सही बीमारी है.:) इलाज करना पडेगा.:)
जवाब देंहटाएंरामराम.
इस बीमारी का इलाज़ तो मुश्किल है.
जवाब देंहटाएंहा हा हा ! इनका हाल भी कवियों जैसा है। :)
जवाब देंहटाएंडॉ की चितवन कह रही है ला -इलाज़ है रोग ,घर में ही पुस्तक विमोचन का नाटक करो .यही प्लेसिबो काट है इस बीमारी की जिसे विमोचन बीमारी कहतें हैं .
जवाब देंहटाएंये मजाक नहीं है, बिल्कुल सही बात है।
जवाब देंहटाएं