बुधवार, 13 जून 2012

कार्टून:- गर्मि‍यों का एक आम कार्टून


15 टिप्‍पणियां:

  1. दिल्ली की गर्मियों में तो सभी आदमी आम ही हो जाते हैं . :)

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  2. अरे वाह...यहाँ भी आम ही आम।
    अब शायद खरबूजे को उच्चारण पर देखकर खरबूजा भी रंग बदलेगा।

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  3. हाँ भाई साहब आम आदमी इस देश में चूसा हुआ आम ,गन्ने की चूसी हुई पोई ही है .जिनके बारे में दुष्यंत जी ने लिखा -

    न हो कमीज़ तो ,पांवों से पेट ढक लेंगे ,

    ये लोग कितने मुनासिब हैं इस सफ़र के लिए .

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  4. जय हो आ इत्ता चूसा हुआ कि ससुरे में गुठली भी नहीं दिखाई देता है जी

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  5. चुसे हुए आम की तो गुठली भी काम की होती है,अब आम आदमी के बारे में ना पूछियेगा !

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  6. क्या बात है.
    अजय जी, गुठली भी तो तभी नजर आये जब आम नेता उसे छोड़े.

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  7. और हां...
    जिसकी बची हुई गुठली भी बेच डालने की जुगत में सरकारें हमेशा लगी रहती हैं :)

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  8. जी आम आदमी का छिलका गुठली सब सरकारे नोच खाने पर उतारू है बेचारा अपना कच्छा बचा ले वही बड़ी बात है |

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  9. ...चूसे हुए आम जैसा आदमी..बिना छिलके वाला...

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