शुक्रवार, 15 अप्रैल 2011

कार्टून:- आइला ! ये कैसी उठान रे ...


26 टिप्‍पणियां:

  1. ये उठान तो समझ में आती है कि अपराधी बढ़ रहे हैं.., सजा की उठान इसी प्रकार बढ़े तो बात बन्रे....

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  2. मंइगाई को करेगी पस्‍त
    अपराध रहेंगे जी चुस्‍त।

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  3. yathaa raajaa ,tathaa prajaa !Manmohan aur " o! Meri sona re sonaare ... kee nak ke nechhe jo kaam karegaa to kuchh to hogaa -
    veerubhai .
    "sang kaa rang chadhtaa hai kaajal bhaai saahib !".

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  4. हाँ...यहाँ तो आसमान के ऊपर तक जा सकती है उठान

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  5. रोटी कपड़ा और मकान जैसी मूलभूत ज़रूरतें पूरी होगीं तभी यह ग्राफ नीचे उतरेगा...शायद

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  6. यी सुरुकबान कहाँ तक जायेगा ?

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  7. मजेदार , चुटीले और धारदार भी

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  8. यह तो हमारे मनमोहन जी के राज मे हे ईमान दारी से...

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  9. एक ठो लोकपाल छाप बिल अपराध के खिलाफ लिवा दो अण्णा हजारे जी! सब ठीक हो जाये!

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  10. काज़ल जी आपने पुलिसिया विभाग पर कभी दिठोना तो नहीं लगाया था?

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  11. देखना वो बुरा ना मान जाएँ. वैसे प्रगति तो ऐसे ही होगी. हा हा...

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  12. अपराध के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए नोबल पुरस्कार की मांग की जा सकती है...

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  13. अरे लो ये तो ग्राफ में ही आ गया. ग्राफ के बाहर निकला नहीं अभी तक? :)

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  14. बहुत खूब, हार्दिक शुभकामनायें आपको !!

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  15. ग्राफ से भी आगे निकल गयी है ये सूई। बहुत दिन बाद आने के लिये क्षमा चाहती हूँ।

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  16. क्या बात है !!
    आज गुड फ्राई डे क अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं आपको !!

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  17. जब सरकार ऐसी है तो उठान भी वैसी ही रहेगी ।

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