शनिवार, 30 जून 2012

कार्टून:- पैचान कौन ...


24 टिप्‍पणियां:

  1. बाएँ से पहला असली है जो चलते हुए भी हाथ नहीं हिला रहा :))
    बढ़िया है काजल जी.

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  2. हम से पहले कोई कमेण्ट कर जायें तो उसका नफ़ा है कि ज्यादा दिमाग नहीं लगाना पड़ता। भारत भूषण जी जिन्दाबाद!

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    1. शुक्रिया पांडे जी, पांडे जी ज़िंदाबाद....

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  3. बहुत सुन्दर कार्टून!
    --
    इस कार्टून प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (01-07-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
    सूचनार्थ!

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  4. हा हा हा हा ....बहुत कैन्फुजन हैं भाई ...

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  5. काजल कुमार जी ,राजनीति में अब सारे क्लोन ही रह गए ये अपने राष्ट्रीय रोबोट अनर्थ -शास्त्री तो रोबोट से भी आगे की चीज़ हैं रोबोट तो हाथ हिलातें हैं ये बे -चारे 'हाथ' की ओर निहारतें हैं 'मम्मी जी' के .काजल कुमारजी इंटर नेट बर्न आउट से बचने का सबको अपना अपना उपाय निकालना पड़ेगा यहाँ यू एस में ऑफिस सीट को आप ऊंचा नीचा मन माफिक कर सकतें हैं लैप टॉप की हाईट के अनुरूप .
    हमने तो लिखना ही खड़े होके शुरु कर दिया था मुंबई में ही .एक तो स्पीड हिन्दुस्तान में माशाल्लाह इतने में आप टहलते रहो स्ट्रेचिंग कर लो .नैप लेना तो बहुत ही कारगर उपाय है .बस दो मिनिट के लिए आँख बंद करके ध्यान लगाओ मेडितैत करो .खासा सुकून मिलेगा .हर घंटा दो के बाद इसे कर लो .पोश्चर बदल लो .ज्यादातर समस्याएं पोश्चारल ही हैं .

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    1. इंटर नेट बर्न आउट...

      सही कहा आपने, इस ओर ध्‍यान देने की ज़रूरत है

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  6. Italian vamp has created several puppets. All are alike. Replica of each other. Pranab is going to be another puppet like Manmohan.

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  7. पैचान तो लिया है,लेकिन बताऊं कोनी,,,,,,,,

    बहुत अच्छी प्रस्तुति,,,

    MY RECENT POST काव्यान्जलि ...: बहुत बहुत आभार ,,

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  8. हम तो फिलहाल अपने को ही पहचानने में लगे हैं....!

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  9. इतना बारीक तो हम भी नहीं देख सकते हैं..

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  10. kaartuun mast hain -

    पंज -प्यारो के चित्र पर, करते हो खिलवाड़ |
    मैया हो जाये खपा, बहुत पड़ेगी झाड़ |
    बहुत पड़ेगी झाड़, देखिये पहला लालू |
    ममता को भटकाय, मुलायम दूजा चालू |
    तीजा वोही बंग , दाहिने लुंगी वाला |
    पी एम् पीछे हाथ, छुपाता मन का काला ||

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  11. वो तो सब ठीक है पर बंदे की राहों में फूल बिखेरने का मतलब ?

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  12. असली कुछ बचा हो तब तो पहचाना जाए न . वो तो बोलेगा भी नहीं ........आभार
    भ्रमर ५
    भ्रमर का दर्द और दर्पण

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