शनिवार, 23 जून 2012

कार्टून:-प्रेस की आज़ादी रंग-रंगीली बाबा...


10 टिप्‍पणियां:

  1. वाह काजल साहब ..काबिले तारीफ़ ,शरम उनको फिर भी नहीं आती . .और फिर १०-११ हजार मीटर की ऊंचाई पे उड़ते हुए टिपण्णी करने का लुत्फ़ भी अलग आ रहा है .
    अंध महासागर के ऊपर देत्रोइत और फ्रेंफार्ट के बीच कहीं .

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  2. अच्‍छा है कि‍ आपकी प्रति‍क्रि‍या आज ही आ गई वर्ना कल तो आप जम कर सोएंगे :) आह लगभग 9 घंटे बैठना !

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  3. जो इनसे टकराएगा,
    चूर चूर हो जाएगा

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