नेताजी को शायद ये नहीं मालूम कि आजकल भीड़ जुटने पर भी जनता दगा दे जाती है। राहुल बाबा का बिहारी दौरा में भीड़ तो काफी उमड़ी पर सीटों की संख्या सिफ़र के करीब ही रही।
सुदूर खूबसूरत लालिमा ने आकाशगंगा को ढक लिया है, यह हमारी आकाशगंगा है, सारे सितारे हैरत से पूछ रहे हैं, कहां से आ रही है आखिर यह खूबसूरत रोशनी, आकाशगंगा में हर कोई पूछ रहा है, किसने बिखरी ये रोशनी, कौन है वह, मेरे मित्रो, मैं जानता हूं उसे, आकाशगंगा के मेरे मित्रो, मैं सूर्य हूं, मेरी परिधि में आठ ग्रह लगा रहे हैं चक्कर, उनमें से एक है पृथ्वी, जिसमें रहते हैं छह अरब मनुष्य सैकड़ों देशों में, इन्हीं में एक है महान सभ्यता, भारत 2020 की ओर बढ़ते हुए, मना रहा है एक महान राष्ट्र के उदय का उत्सव, भारत से आकाशगंगा तक पहुंच रहा है रोशनी का उत्सव, एक ऐसा राष्ट्र, जिसमें नहीं होगा प्रदूषण, नहीं होगी गरीबी, होगा समृद्धि का विस्तार, शांति होगी, नहीं होगा युद्ध का कोई भय, यही वह जगह है, जहां बरसेंगी खुशियां... -डॉ एपीजे अब्दुल कलाम
बस यही गुर सीखना बाकी था।
जवाब देंहटाएंये भी बाबा की तरह पेट अन्दर-बाहर करने लग जाएँ ...भीड़ अपने आप जुटनी चालू हो जाएगी
जवाब देंहटाएंकाजल जी ब्लॉग पे भीड़ जुटाने का मंत्तर आप मुझे भी दे दो। :-)
जवाब देंहटाएंहा हा हा भीड़ खेंचु ताबीज और मंतर चाहिए
जवाब देंहटाएंवैसे सर्दियों में गुड की चाय ही भाती है जी....:)
जवाब देंहटाएंउसके लिए पहले मुझे एग्रीगेटर बनाना पडेगा बच्चा :)
जवाब देंहटाएं:):) बढ़िया ...
जवाब देंहटाएंये मन्त्र तो आजकल बाबा लोगों के पास ही हैं ।
जवाब देंहटाएंना बाबा ना ..मंतर सीख कर यह चेला छू मंतर हो जाएगा ,हाथ न आयेगा !
जवाब देंहटाएंगर पत लग जाये तो हमे भी बताना जी
जवाब देंहटाएंbaba ke ls gur ke liye chele ko bhi baba banna padega.. he he :)
जवाब देंहटाएंPlease Visit My Blog..
Lyrics Mantra
Brilliant !
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया.
जवाब देंहटाएंसादर,
डोरोथी.
हा-हा-हा-करारा व्यंग्य !
जवाब देंहटाएंनेताजी को शायद ये नहीं मालूम कि आजकल भीड़ जुटने पर भी जनता दगा दे जाती है। राहुल बाबा का बिहारी दौरा में भीड़ तो काफी उमड़ी पर सीटों की संख्या सिफ़र के करीब ही रही।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर कार्टून आप बनाते हैं.
जवाब देंहटाएंदेख कर मज़ा आ जाता है
:))
जवाब देंहटाएंइस लिए नेता बाबाओं के पास जाते हैं।
जवाब देंहटाएं:)
जवाब देंहटाएं............
****......नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ...****
सही चरणों में पंहुचा है बच्चा ... !
जवाब देंहटाएंबाबा से सब डर रहे हैं..
जवाब देंहटाएंसुदूर खूबसूरत लालिमा ने आकाशगंगा को ढक लिया है,
जवाब देंहटाएंयह हमारी आकाशगंगा है,
सारे सितारे हैरत से पूछ रहे हैं,
कहां से आ रही है आखिर यह खूबसूरत रोशनी,
आकाशगंगा में हर कोई पूछ रहा है,
किसने बिखरी ये रोशनी, कौन है वह,
मेरे मित्रो, मैं जानता हूं उसे,
आकाशगंगा के मेरे मित्रो, मैं सूर्य हूं,
मेरी परिधि में आठ ग्रह लगा रहे हैं चक्कर,
उनमें से एक है पृथ्वी,
जिसमें रहते हैं छह अरब मनुष्य सैकड़ों देशों में,
इन्हीं में एक है महान सभ्यता,
भारत 2020 की ओर बढ़ते हुए,
मना रहा है एक महान राष्ट्र के उदय का उत्सव,
भारत से आकाशगंगा तक पहुंच रहा है रोशनी का उत्सव,
एक ऐसा राष्ट्र, जिसमें नहीं होगा प्रदूषण,
नहीं होगी गरीबी, होगा समृद्धि का विस्तार,
शांति होगी, नहीं होगा युद्ध का कोई भय,
यही वह जगह है, जहां बरसेंगी खुशियां...
-डॉ एपीजे अब्दुल कलाम
नववर्ष आपको बहुत बहुत शुभ हो...
जय हिंद...
नये वर्ष की अनन्त-असीम शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंबस गेटअप बदलने का ही फर्क है जब उसे इतना भी नहीं पता तो भीड़ क्या ख़ाक जुटाएगा :)
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