शनिवार, 18 दिसंबर 2010

कार्टून:- ये कैसा गब्बर है भई तू !


25 टिप्‍पणियां:

  1. ये बत्तियां वहीं काम आती हैं जहां लोग सीधे सादे हैं, नक्सली इलाकों में बत्तियां न जाने कहां चली जाती हैं...

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  2. साब जी लगवा दो ,सुना हे अब तो थोक के भाव बनती ओर बंटती हे, एक इसे गरीब को भी देदो....

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  3. कमाल है खाकी वर्दी को डर भी लगता है!!!!

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  4. अरे वाह ...!
    यह तो सचमुच का गब्बर है!

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  5. ख्याल बुरा नहीं है साहब और प्यादे की सेहत के अनुपात में साइकिल में साइरन और लाल बत्ती लगवाई जा सकती है :)

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  6. ये बात अलग है कि अनुपात में कमज़ोर साइज की लाल बत्ती / साइरन से प्यादे का डर दूर होगा कि नहीं ? :)

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  7. बेकार में टाटा ने नैनो बनाई। लालबती+साइरन वाली साइकल बनाते तो धकाधक बिकती! :)

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  8. हा हा हा ! साईकल का भी क्या करना है । टोपी में ही लगवा दें ।

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  9. 'साईकल का भी क्या करना है । टोपी में ही लगवा दें ।'
    --सहमत :)

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  10. हाऽऽ...हाऽऽ!
    मज़ा आ गया...आपके इस व्यंग्य-प्रहार पर!
    बधाई!

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  11. भाटिया जी की बात में दम है :) एक दे दो इस बेचारे को भी.

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  12. ab kya kare bechare khali dande ya jang lagi dunali se wo kin ka muqabla kar payega?

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  13. लाल बत्ती लगाने से तो गब्बर को और पता चल जायेगा।

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  14. क्या करेगा बेचारा...उसकी मांग जायज है :)

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  15. जब पुलिसवालों की जान पर बन आए,तो समझिए किसी गंभीर समस्या का समाधान निकट है!

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  16. वाह क्या झापड़ मारा है पापड वाले को ओह सायरन वाले को ! बिचारा पुलिस वाला =daiya re daiya mohe dar laage !

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