CARTOON, SATIRE, HUMOR, POLITICS, COMIC, LITERATURE, CARICATURE, LAMPOON, SKIT, RIDICULE, MOCKERY, SARCASTIC
ये बत्तियां वहीं काम आती हैं जहां लोग सीधे सादे हैं, नक्सली इलाकों में बत्तियां न जाने कहां चली जाती हैं...
साब जी लगवा दो ,सुना हे अब तो थोक के भाव बनती ओर बंटती हे, एक इसे गरीब को भी देदो....
कमाल है खाकी वर्दी को डर भी लगता है!!!!
अरे वाह ...!यह तो सचमुच का गब्बर है!
ख्याल बुरा नहीं है साहब और प्यादे की सेहत के अनुपात में साइकिल में साइरन और लाल बत्ती लगवाई जा सकती है :)
ये बात अलग है कि अनुपात में कमज़ोर साइज की लाल बत्ती / साइरन से प्यादे का डर दूर होगा कि नहीं ? :)
डरे नहीं तो क्या करे बेचारा।
बेकार में टाटा ने नैनो बनाई। लालबती+साइरन वाली साइकल बनाते तो धकाधक बिकती! :)
हा हा हा ! साईकल का भी क्या करना है । टोपी में ही लगवा दें ।
Ha,ha,ha!
टोपी वाला आईडिया बढ़िया है .. :):)
'साईकल का भी क्या करना है । टोपी में ही लगवा दें ।'--सहमत :)
हाऽऽ...हाऽऽ!मज़ा आ गया...आपके इस व्यंग्य-प्रहार पर!बधाई!
भाटिया जी की बात में दम है :) एक दे दो इस बेचारे को भी.
लगवाओ भाई। इसी ने क्या बिगाडा है?
जबरदस्त व्यंग !आभार।
सटीक व्यंग्य!
ab kya kare bechare khali dande ya jang lagi dunali se wo kin ka muqabla kar payega?
आईडिया तो बुरा नहीं है
लाल बत्ती लगाने से तो गब्बर को और पता चल जायेगा।
dekh lo khaaki vardi ka rob ! ha hamere blog par bhi kabhi aaiye Lyrics Mantra
क्या करेगा बेचारा...उसकी मांग जायज है :)
जब पुलिसवालों की जान पर बन आए,तो समझिए किसी गंभीर समस्या का समाधान निकट है!
वाह क्या झापड़ मारा है पापड वाले को ओह सायरन वाले को ! बिचारा पुलिस वाला =daiya re daiya mohe dar laage !
ये बत्तियां वहीं काम आती हैं जहां लोग सीधे सादे हैं, नक्सली इलाकों में बत्तियां न जाने कहां चली जाती हैं...
जवाब देंहटाएंसाब जी लगवा दो ,सुना हे अब तो थोक के भाव बनती ओर बंटती हे, एक इसे गरीब को भी देदो....
जवाब देंहटाएंकमाल है खाकी वर्दी को डर भी लगता है!!!!
जवाब देंहटाएंअरे वाह ...!
जवाब देंहटाएंयह तो सचमुच का गब्बर है!
ख्याल बुरा नहीं है साहब और प्यादे की सेहत के अनुपात में साइकिल में साइरन और लाल बत्ती लगवाई जा सकती है :)
जवाब देंहटाएंये बात अलग है कि अनुपात में कमज़ोर साइज की लाल बत्ती / साइरन से प्यादे का डर दूर होगा कि नहीं ? :)
जवाब देंहटाएंडरे नहीं तो क्या करे बेचारा।
जवाब देंहटाएंबेकार में टाटा ने नैनो बनाई। लालबती+साइरन वाली साइकल बनाते तो धकाधक बिकती! :)
जवाब देंहटाएंहा हा हा ! साईकल का भी क्या करना है । टोपी में ही लगवा दें ।
जवाब देंहटाएंHa,ha,ha!
जवाब देंहटाएंटोपी वाला आईडिया बढ़िया है .. :):)
जवाब देंहटाएं'साईकल का भी क्या करना है । टोपी में ही लगवा दें ।'
जवाब देंहटाएं--सहमत :)
हाऽऽ...हाऽऽ!
जवाब देंहटाएंमज़ा आ गया...आपके इस व्यंग्य-प्रहार पर!
बधाई!
भाटिया जी की बात में दम है :) एक दे दो इस बेचारे को भी.
जवाब देंहटाएंलगवाओ भाई। इसी ने क्या बिगाडा है?
जवाब देंहटाएंजबरदस्त व्यंग !
जवाब देंहटाएंआभार।
सटीक व्यंग्य!
जवाब देंहटाएंसटीक व्यंग्य!
जवाब देंहटाएंab kya kare bechare khali dande ya jang lagi dunali se wo kin ka muqabla kar payega?
जवाब देंहटाएंआईडिया तो बुरा नहीं है
जवाब देंहटाएंलाल बत्ती लगाने से तो गब्बर को और पता चल जायेगा।
जवाब देंहटाएंdekh lo khaaki vardi ka rob ! ha ha
जवाब देंहटाएंmere blog par bhi kabhi aaiye
Lyrics Mantra
क्या करेगा बेचारा...उसकी मांग जायज है :)
जवाब देंहटाएंजब पुलिसवालों की जान पर बन आए,तो समझिए किसी गंभीर समस्या का समाधान निकट है!
जवाब देंहटाएंवाह क्या झापड़ मारा है पापड वाले को ओह सायरन वाले को ! बिचारा पुलिस वाला =daiya re daiya mohe dar laage !
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