शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2010

कार्टून:- ये बाबा भी ब्लागरों की बातें करता है...


24 टिप्‍पणियां:

  1. हैडिंग :- "कार्टून:- ये बाबा भी ब्लागरों की बातें करता है..." .....हैडिंग के अनुरुप जो भाव "कार्टून व शब्दों" में परिलक्षित होने चाहिये थे वे नहीं हो रहे हैं ... यदि हैडिंग को हटाकर "कार्टून व शब्दों" को दस लोगों को दिखाया जाये और हैडिंग बनाने को कहा जाये तो संभव नहीं लगता कि कोई एक भी "इस हैडिंग" से मिलती-जुलती बना पाये .... काजल जी, मैं आलोचना नहीं कर रहा हूं मुझे कुछ कमी दिख रही है उसे व्यक्त कर रहा हूं, अनुरोध है इसे अन्यथा न लें!!!

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  2. जय हो बाबा की..श्याम कोरी जी की बात काबिले गौर है.

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  3. कार्टून एक व्यापक शब्द है। यह कार्टून ही है। वस्तुतः व्यंग्य चित्र से अलग कार्टून स्ट्रिप्स के माध्यम से कथा कहने की विधा की श्रेणी का चित्र है यह। लेकिन इस तरह के चित्र स्ट्रिप में तो ये प्रभावी होते हैं, लेकिन एकल व्यंग्य चित्र श्रेणी में कमजोर प्रभाव छोड़ते हैं।

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  4. दिनेश जी की बात से सहमत.
    मैं तीन श्रेणियों में बांटता हूं इन्हें:-
    व्यंग्यचित्र
    हास्यचित्र
    चित्र
    (आज व्यंग्यचित्र तो क़तई नहीं है)
    :-)

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  5. कोई सी भी श्रेणी हो हमको तो पूरा मजा आया और सबसे ज्यादा मजा इस बात मे आया कि ब्लागर की बात को सीरीयसली नहीं लेने का जानी.:)

    रामराम.

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  6. भाई श्याम जी और भाई समीर लाल जी ब्लागर को आभासी चरित्र मान कर कार्टून को फिर से देखिये उसमें संभावनायें बहुत हैं ज़रा गौर फरमाइये :)
    (१) ब्लागर आभासी चरित्र है उसे केवल महसूस कीजिये ... ना देखिये ... ना ढूंढिये ! अथवा ...
    (२) बाबा जी ही ब्लागर है उन्होंने लैपटाप कुटिया में रख छोड़ा है ! अथवा ...
    (३) ब्लागर कुटिया में है... मतलब पार्श्व से बाबा जी को प्राम्प्ट कर रहा है और बाबाजी एक्टिंग कर रहे हैं ! अथवा ...
    (४) बकौल काजल कविराय ...बाबा जी और ब्लागर्स की चिंतन प्रणाली तथा आलोच्य विषय एक समान हुआ करते हैं ! अथवा ...
    (५) मान क्यों नहीं लेते की ये ब्लागर मीट है ! अन्तर्निहित सत्य को जानों वत्स !
    (६) होली से पहले काजल जी बहक गए हैं या फिर आप दोनों की चित्र सही नहीं देख पा रहे हैं या फिर केवल मैं ...जो सब कुछ सही सही देख पाने का दावा कर रहा हूँ ! वगैरह वगैरह !
    ( देखिये संभावनायें और भी हैं वे बस आती ही होंगी )

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  7. nice........................................nice.................................nice...............................

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  8. बाबा का उपदेश बढ़िया रहा!
    मगर इसके साथ
    चित्रकार हुसैन को होना चाहिए था!

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  9. भोत सही कहा बाबा ने. मर जाएंगे मगर गाँधीवाद को न छोड़ेंगे.

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  10. एक तो कार्टून, ऊपर से उदय जी की सही बात और सुहागा अली जी की टिप्पणी.

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  11. Satya vachan Baba ji!

    =Comments mein विचार विमर्श रुचिकर लगा.

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  12. कोई सी भी श्रेणी हो हमको तो पूरा मजा आया :)

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  13. यह बाबा पहले ब्लांगर ही तो था, लेकिन दुसरे ब्लांगरो के इस की टांगे खींच खींच्कर इसे बाबा बनने पर मजबुर कर दिया, ओर अब इस की टांगे टेडी हो गई है

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  14. बाबाओं की ब्लॉगर मीट होगी अब तो!

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