सोमवार, 8 फ़रवरी 2010

कार्टून :- ओ अभिमन्यु यह कैसी नियति है तुम्हारी...


20 टिप्‍पणियां:

  1. हा हा हा ! मजबूरी का नाम मराठी।
    परिस्थिति वश कई दिन से न मिल पाने के लिए मांफ करें।

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  2. मजबुरी भी क्या न कराये हा हा हा हा
    regards

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  3. करारा व्यंग....
    सटीक मारा है।

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  4. उम्मीद है इस अभिमन्यु नें चक्रव्यूह से बाहर आना भी सीख लिया होगा !

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  5. बहुत ही दारूण कार्टून है. मैं दावे से कह सकता हूं कि ठाकरे अगर इस कार्टून को देख लें, तो राजनीति छोड़ दें!

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  6. चक्रव्युह भेदी बनेगा यह वीर! :-)

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  7. आपका कार्टून चर्चामंच में चुरा लिया गया है!

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  8. शरीफ आदमी के लिए तो इतना ही कटाक्ष काफी है मगर....क्षमा करें रवि जी, मुझे आपके दावे पर संदेह है.

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