काजल भाई आज के कार्टून के लिए दो टिप्पणियां छोड़ रहा हूँ जो उचित लगे क़ुबूल करियेगा ! (१) ये बस...बेबस ...मंत्रिमंडल सी ! (२) इस करके तो ये कौनो धाम न पहुंचेगी !
यह नई तकनीक है, आपको नहीं पता तो इसमें ड्राइवर और कंडक्टर का क्या दोष. ड्राइवर बस मोड़ना चाहता है, लेकिन तभी कंडक्टर को सवारी दिखाई दे गई, उस सवारी को इशारा कर रहा है कि जल्दी चढ़.:D
हा हा हा ..बहुत खूब काजल जी , और कमाल की बात तो ये है कि चाहे किसी भी तरफ़ मुडे ..इनका निशाना मतलब शिकार नहीं बच सकता ....उसे तो बस के नीचे लाकर ही मानते हैं ... अजय कुमार झा
हा हा हा ! काजल ली , भारतीय बसें कब कहाँ मुड जाएँ , कोई भरोसा नहीं।
जवाब देंहटाएंऔर तो और नाम बदलने से भी कोई फर्क नहीं पड़ता।
very true Kajal bhai ! sahi kaha !
जवाब देंहटाएंकाजल भाई
जवाब देंहटाएंआज के कार्टून के लिए दो टिप्पणियां छोड़ रहा हूँ जो उचित लगे क़ुबूल करियेगा !
(१) ये बस...बेबस ...मंत्रिमंडल सी !
(२) इस करके तो ये कौनो धाम न पहुंचेगी !
ha ha ha sach hai bhai. :)
जवाब देंहटाएंhttp://kavyamanjusha.blogspot.com/
बहुत सही!
जवाब देंहटाएंनाईस ---- बडिया है
जवाब देंहटाएं...यह कार्टून विचारणीय है!!!!!!!!!!!!!
जवाब देंहटाएंभारतीय बसों को हमेशा दो दिमाग ड्राईव करते हैं. और कहीं राजी खुशी पहुंच जाये तो ये सवारियों की किस्मत से संभव होता है.
जवाब देंहटाएंबहुत जबरदस्त.
रामराम.
हा हा हा हा ये भी खूब रही....
जवाब देंहटाएंregards
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंएक तरफ का बाहर निकला हाथ खुद को मंजिल पर पहुचाने के लिए होता है और दूसरी तरफ का दूसरो को ठिकाने पर :)
जवाब देंहटाएंहें हें हें, यह जिधर चाहो मुड़ जाओ तकनीक है. :)
जवाब देंहटाएंगजब तकनीक है ये भारत में
जवाब देंहटाएंसच में! ऎसी बसें तो हर रोज देखते हैं :)
जवाब देंहटाएंनाईस जी नाईस, बहुत सुंदर, यह काग्रेस वालो की बस तो नही??
जवाब देंहटाएंआज दर्शन कर ही लिए!
जवाब देंहटाएंयह नई तकनीक है, आपको नहीं पता तो इसमें ड्राइवर और कंडक्टर का क्या दोष. ड्राइवर बस मोड़ना चाहता है, लेकिन तभी कंडक्टर को सवारी दिखाई दे गई, उस सवारी को इशारा कर रहा है कि जल्दी चढ़.:D
जवाब देंहटाएंhahahahaha...........bahut badhiya.
जवाब देंहटाएंहा हा हा ! बिल्कुल सही कहा है आपने! ऐसी ही स्थिति है हमारे देश की ! बहुत ही बढ़िया कार्टून बनाया आपने !
जवाब देंहटाएंसही कहा जी।
जवाब देंहटाएंहा हा हा ..बहुत खूब काजल जी , और कमाल की बात तो ये है कि चाहे किसी भी तरफ़ मुडे ..इनका निशाना मतलब शिकार नहीं बच सकता ....उसे तो बस के नीचे लाकर ही मानते हैं ...
जवाब देंहटाएंअजय कुमार झा
jaldee hee aisee bas ke baare me visrtaar se likhne valee hun ....
जवाब देंहटाएंHan----aisee basen to bharat men hee banatee hain-----ha---ha----ha---.
जवाब देंहटाएंPoonam
:)...bahut achchha!
जवाब देंहटाएं...'Ye desh hai mera!
वाह! दोनो के यूं हाथ दिखाने का मतलब शायद यह हो कि बैक हो रही है बस! :)
जवाब देंहटाएंha ha ha ..
जवाब देंहटाएंsahi hai..na sirf mud jaaye..kahan chadh jaaye ye bhi nahi pata...bahut khoob..