भारतीय जनता पार्टी, या भाजपा लिख देते तो बेहतर रहता। BJP लिखकर तो आपने हम सबमें प्रच्छन्न रूप से विद्यमान अंग्रेजी-मोह को तरजीह दे डाला है। इस तरह परोक्ष रूप से अंग्रेजी को समर्थन देने के बारे में हम सबको सतर्क रहने की आवश्यकता है।
मैंने तो लिख भी दी है, जिसे चाहिए खरीद ले और लेखक के रूप में अपना नाम छपवा ले. फिलहाल भाजपा के मुख्यालय के बाहर ठेला लगा रखा है... :) रस्ते का माल सस्ते में....लात खाने वालों को विशेष छूट...
लोगो ने किताब पढ़े बिना ही प्रतिक्रियाएं देनी शुरू करदी यह सोचकर कि जसवंत सिंह ने विभाजन का जिम्मेदार जरुर नेहरु को ठहराया होगा
जवाब देंहटाएंहा हा
जवाब देंहटाएंजिन्ना की तारीफ कर कोई पीएम नही बनता पीएम इन वेटिंग बन सकता है।
जवाब देंहटाएंहा हा हा हा हा हा great..
जवाब देंहटाएंregards
बहुत खूब बधाई
जवाब देंहटाएंकिताब लिखने की धमकी? भाई यह तो नये किस्म का टेरर है।
जवाब देंहटाएंसादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
मज़ेदार....
जवाब देंहटाएंबेचारे ताऊओं के साथ ऐसा ही होता है.:)
जवाब देंहटाएंरामराम.
ha ha ha .........
जवाब देंहटाएंwaah !
भारतीय जनता पार्टी, या भाजपा लिख देते तो बेहतर रहता। BJP लिखकर तो आपने हम सबमें प्रच्छन्न रूप से विद्यमान अंग्रेजी-मोह को तरजीह दे डाला है। इस तरह परोक्ष रूप से अंग्रेजी को समर्थन देने के बारे में हम सबको सतर्क रहने की आवश्यकता है।
जवाब देंहटाएंआपका यह कार्टून अच्छा लगा।, आभार।
Bahut Kubh! :)
जवाब देंहटाएंबिल्कुल ठीक है.
जवाब देंहटाएंमैंने तो लिख भी दी है, जिसे चाहिए खरीद ले और लेखक के रूप में अपना नाम छपवा ले. फिलहाल भाजपा के मुख्यालय के बाहर ठेला लगा रखा है... :) रस्ते का माल सस्ते में....लात खाने वालों को विशेष छूट...
जवाब देंहटाएंबहुत जबर है जिन्ना का जिन्न! बार बार आ जाता है! :)
जवाब देंहटाएंजसवंत जी ने क्या लिखा है अभी तक पढ़ा नहीं इसलिए कमेन्ट नहीं करेंगे !
जवाब देंहटाएंपर आपकी फीलिंग्स से सहमत हैं की 'उपेक्षा' इंसान से 'कुछ' भी करवा सकती है !
जिन्ना के जिन् को अब फिर से बोतल में कैद कर दो भाई ....
जवाब देंहटाएंकईं दिनों बाद आया पर जिन्ना, सीधी बात आर ऒबामा सभी कार्टून न्यायसंगत हैं भाई,,,,,,,,, गहन रचनाशीलता हेतु साधुवाद....
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया।
जवाब देंहटाएं( Treasurer-S. T. )
बहुत बढ़िया ....
जवाब देंहटाएंलगता है शायद अभी इस जिन्ना रूपी जिन्न के कईं ओर शिकार होने बाकी हैं:)
जवाब देंहटाएंअरे भाई....इतने ही अच्छे थे उ तो उनको छोड़ कर इहाँ काहे को आ गए महराज.....
जवाब देंहटाएंहा हाहा हा